Cyber Scam in Mumbai: पुलिस और CBI अधिकारी बनकर जालसाजों ने डॉक्टर से ठगे 23 लाख रुपये
राजधानी दिल्ली में एक 71 वर्षीय डॉक्टर साइबर जालसाजों का शिकार हो गए. इन धोखेबाजों ने खुद को दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताकर जालसाजी की.
Cyber Scam in Mumbai: एक 71 वर्षीय डॉक्टर से साइबर जालसाजों ने 23 लाख रुपये ठग लिए. इन धोखेबाजों ने खुद को दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताकर जालसाजी की. उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी और पहचान की चोरी से जुड़े एक मनगढ़ंत मामले में गिरफ्तारी की धमकी देकर 23 लाख रुपये की वसूली की. स्थानीय अस्पताल में कंसल्टेंट के तौर पर काम करने वाले डॉक्टर को किसी ऐसे व्यक्ति से व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया, जिसने खुद को दूरसंचार विभाग (DoT) से होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि उनके फोन का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना इस साल जून में हुई थी. धोखाधड़ी की शुरुआत एक व्हाट्सएप कॉल से हुई जिसमें डॉक्टर को बताया गया कि अवैध गतिविधियों में शामिल होने के कारण उनका फोन नंबर काट दिया जाएगा. कॉल करने वाले ने उन्हें एक कथित दिल्ली पुलिस अधिकारी से जोड़ा जिसने उन्हें उनके खिलाफ दर्ज एक मामले की जानकारी दी.
इसके बाद पुलिस की वर्दी में खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति ने वीडियो कॉल किया, जिसने दावा किया कि डॉक्टर के खिलाफ "मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी और पहचान की चोरी" का एक गंभीर मामला लंबित है.
इसके बाद डॉक्टर को एक फर्जी सीबीआई लेटरहेड और एक पावती पत्र भेजा गया, जिसमें एक आईएएस और दो आईपीएस अधिकारियों के नाम थे, जिससे उन्हें धमकी के बारे में और अधिक यकीन हो गया. घोटाले के दौरान, जालसाजों ने डॉक्टर को डर पैदा करने के लिए मुंबई के प्रमुख पुलिस अधिकारियों के नामों की सूची के साथ एक व्हाट्सएप संदेश भेजा.
उन्होंने अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए वर्दी में एक सीबीआई अधिकारी की फर्जी प्रोफाइल तस्वीर का भी इस्तेमाल किया. पीड़ित ने धमकियों को वास्तविक मानते हुए, इस बहाने से 23 लाख रुपये एक निर्दिष्ट बैंक खाते में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया कि मामले के फैसले के बाद यह वापस कर दिया जाएगा.
ठगी का अहसास होने के बाद डॉक्टर ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर पुलिस ने 2 अगस्त को अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और जबरन वसूली के आरोप में एफआईआर दर्ज की.