भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होने के लिए क्रोएशिआई नागरिक ने फाड़ दिया था अपना Passport और Visa, अब मथुरा जेल में रहने को हुआ मजबूर
भगवान (Photo Credits: IANS)

मथुरा, 14 फरवरी : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा जनपद में जेल के निरुद्ध केंद्र (Detention center) में रहने को मजबूर, क्रोएशिया निवासी 37 वर्षीय जोरन जोलिक को एक ऐसे मददगार की दरकार है जो उसकी घर वापसी के लिए अपेक्षित एयर टिकट का इंतजाम कर सके. जोलिक, बिना वीजा पकड़े जाने के आरोप में डेढ़ साल जेल की सजा काट चुके हैं. गौरतलब है कि दक्षिण पूर्व यूरोप में स्थित क्रोएशिया गणराज्य (Croatia Republic) का निवासी जोरन जोलिक वर्ष 2018 में भारत में पर्यटन यात्रा पर आया था. मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर जोलिक को 26 जुलाई 2019 को वृन्दावन के एक आश्रम में बिना वीजा के रहते हुए पकड़ा गया था. जोलिक का वीजा एक्सपायर (Visa expire) हो चुका था और उसके पास पासपोर्ट (Passport) भी नहीं था. जिले की अभिसूचना इकाई को उससे पूछताछ में मालूम पड़ा कि वीजा और पासपोर्ट उसी ने फाड़ कर कूड़े में फेंक दिए थे. जोलिक को वृन्दावन और यहां की संस्कृति इतनी रास आई कि उसने सबकुछ छोड़कर यहीं रहने का निर्णय कर लिया और एक आश्रम में कृष्ण भक्त बन भारतीय वेदों का अध्ययन करने में जुट गया.

पुलिस को जानकारी मिलने के बाद उसे विदेशी अधिनियम की धारा 14 के अंतर्गत बिना वीजा भारत में रहने के आरोप में जेल भेज दिया गया. गत 21 जनवरी को उसकी सजा तो पूरी हो गई लेकिन वह घर नहीं जा सका क्योंकि, उसके पास वापसी एयर टिकट के लिए पैसे नहीं थे. स्थाई अभिसूचना इकाई (एलआईयू) के प्रभारी इंस्पेक्टर केपी कौशिक ने बताया, “इस मामले में हमने क्रोएशियाई दूतावास से सम्पर्क किया लेकिन वे भी कोई मदद न कर सके. उन्हें उसके परिजनों तक का कोई अता-पता नहीं है. उन्होंने उनसे सम्पर्क होने पर जानकारी देने को कहा है. वैसे, वे उसकी आर्थिक मदद भी नहीं कर सकते.” उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में, उसे जेल से रिहा कर निरुद्ध केंद्र में रखने का ही एक विकल्प बचा था. परंतु, उत्तर प्रदेश में विदेशी नागरिकों के लिए कोई निरुद्ध केंद्र नहीं है. दिल्ली के केंद्र वाले उसे लेने के लिए तैयार नहीं हैं. वे इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात होना बता रहे हैं.” यह भी पढ़ें : Uttarakhand Tragedy: तपोवन सुरंग में 8वें दिन भी जिंदगी की खोज जारी, अब तक 40 शव बरामद, 164 लापता

जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया, “कहीं कोई और व्यवस्था न होने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर उसे जिला कारागार की एक बैरक में डिटेंशन सेण्टर में बिना किसी सजा के रखा गया है. उससे यहां कोई काम नहीं लिया जाता है.” मैत्रेय ने बताया कि खुफिया विभाग ने क्रोएशिया दूतावास से संपर्क कर जोरन जोलिक का अस्थायी पासपोर्ट जारी कराया है. ये पासपोर्ट इसी 25 मार्च तक वैध है. यदि जोरन जोलिक की एयर टिकट कंफर्म हो जाती है तो खुफिया विभाग आनलाइन आवेदन कर वीजा भी मुहैया करा देगा.