CPI(M) To Keep Bengal Immune From INDIA Alliance: सीपीआई (एम) बंगाल में 'इंडिया' गठबंधन फॉर्मूले से रहेगी दूर

सीपीआई (एम) के शीर्ष नेतृत्व ने स्वीकार किया है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया का समग्र फॉर्मूला किसी भी कीमत पर पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जा सकता है

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कोलकाता, 7 अगस्त: सीपीआई (एम) के शीर्ष नेतृत्व ने स्वीकार किया है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया का समग्र फॉर्मूला किसी भी कीमत पर पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जा सकता है पार्टी की केंद्रीय समिति ने भी माना है कि अलग कारण से केरल में भी भारत फॉर्मूले का प्रभावी क्रियान्वयन संभव नहीं है. यह भी पढ़े: Subhash Munda Shot Dead: झारखंड में बवाल, रांची में CPI-M नेता सुभाष मुंडा की गोली मारकर हत्या

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार देर शाम संपन्न हुई पार्टी की तीन दिवसीय केंद्रीय समिति की बैठक के अंत में इन दोनों राज्यों में इंडिया का फॉर्मूला लागू करने की व्यावहारिक कठिनाइयों को स्वीकार किया.

सूत्रों ने बताया कि येचुरी ने यह भी स्वीकार किया कि इन दोनों राज्यों में, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में, व्यावहारिक स्थिति पार्टी के लिए इंडिया फॉर्मूले के मूल सार को स्वीकार करने के लिए अनुकूल है.

पार्टी के महासचिव ने बंगाल ब्रिगेड के इस तर्क को भी स्वीकार कर लिया है कि पश्चिम बंगाल में पार्टी की अभियान लाइन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के खिलाफ एक बड़े विपक्षी गठबंधन के राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में "अविश्वसनीय" ताकत के रूप में पेश करना होगा.

पश्चिम बंगाल से पार्टी की केंद्रीय समिति के एक सदस्य ने कहा, “केंद्रीय समिति ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में राज्य में समानांतर भाजपा और टीएमसी विरोधी मोर्चों को बनाए रखने के लिए बंगाल ब्रिगेड का भी समर्थन किया है इसी तरह, सूत्रों ने कहा, केरल में पार्टी समानांतर "भाजपा विरोधी" और "कांग्रेस विरोधी" मोर्चों को बनाए रखने का अपना फॉर्मूला अपनाएगी.

पश्चिम बंगाल से केंद्रीय समिति के सदस्य ने कहा, “पार्टी की लाइन सरल है न तो भाजपा पश्चिम बंगाल में निरंकुश तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ एक भरोसेमंद ताकत है न ही तृणमूल कांग्रेस, भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति का मुकाबला करने में एक भागीदार के रूप में विश्वसनीय है इसलिए हमारी पार्टी दोनों ताकतों को समान प्रतिद्वंद्वी मानती रहेगी और इसी तर्ज पर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए खुद को तैयार करेगी.

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