COVID-19: दिल्ली में बना देश का पहला प्लाज्मा बैंक, राज्य सरकार ने आईएलबीएस अस्पताल में प्लाज्मा स्थापित करने का लिया फैसला

कोरोना रोगियों के उपचार हेतु दिल्ली में प्लाज्मा बैंक बनाया गया है. यह बैंक किसी सामान्य ब्लड बैंक की तरह काम करेगा. आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल कोरोना रोगी की प्लाज्मा थेरेपी के लिए यहां से प्लाज्मा हासिल कर सकेंगे. दिल्ली सरकार ने यह प्लाज्मा बैंक आईएलबीएस अस्पताल में स्थापित करने का फैसला लिया है. इसके अलावा व्हाट्सएप करके प्लाज्मा डोनेट कर सकेंगे.

ब्लड प्लाज्मा/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली, 2 जुलाई: कोरोना रोगियों के उपचार हेतु दिल्ली में प्लाज्मा बैंक बनाया गया है. यह बैंक किसी सामान्य ब्लड बैंक की तरह काम करेगा. आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल कोरोना रोगी की प्लाज्मा थेरेपी के लिए यहां से प्लाज्मा (Plasma Bank) हासिल कर सकेंगे. दिल्ली सरकार ने यह प्लाज्मा बैंक आईएलबीएस अस्पताल में स्थापित करने का फैसला लिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा 'यह देश भर में पहला प्लाज्मा बैंक है. प्लाज्मा डोनेट करने के इच्छुक व्यक्ति 1031 नंबर पर फोन करके अपनी जानकारी दे सकते हैं. इसके अलावा 8800007722 पर व्हाट्सएप करके प्लाज्मा डोनेट करने के इच्छुक व्यक्ति अपना पंजीकरण करा सकेंगे.'

प्लाज्मा डोनेट करने की कुछ शर्तें भी विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा तय की गई हैं. इनके मुताबिक प्लाज्मा वही डोनेट कर सकता है , जिन्हें कोरोना हुआ हो और अब वह व्यक्ति ठीक हो गया हो. कोरोना ठीक हुए कम से कम 14 दिन हो गए हो. प्लाज्मा डोनेट करने वाले व्यक्ति की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. प्लाज्मा डोनेट करने वाले व्यक्ति का वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए. जो महिला जीवन में कभी भी प्रेग्नेंट हुई है वह प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकती.

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शुगर, हाइपरटेंशन और जिनका ब्लड प्रेशर 140 से ऊपर है वह प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकते. कैंसर से ठीक हुए रोगी प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकते. इसी तरह किडनी फेफड़े और हृदय रोगी भी प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकते. केजरीवाल ने कहा, 'केवल उपचार कर रहे डॉक्टर के कहने पर संबंधित अस्पताल को प्लाज्मा दिया जाएगा. प्लाज्मा बैंक से व्यक्तिगत तौर पर प्लाज्मा नहीं मिलेगा.'

मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार ने ऐसे सभी व्यक्तियों से सामने आकर रक्तदान की अपील की है जो कोरोना उपचार के उपरांत स्वस्थ हो चुके हैं. दरअसल कोरोना को हरा चुके व्यक्तियों द्वारा किए गए रक्तदान से ही कोरोना से लड़ने वाला प्लाज्मा प्राप्त होता है. मुख्यमंत्री ने कहा 'आईएलबीएस में कोरोना का उपचार नहीं होता इसलिए यहां से किसी को कोरोना संक्रमण होने का खतरा नहीं है. इसके साथ ही प्लाज्मा दान करने वाले व्यक्तियों को लाने और ले जाने के लिए टैक्सी का प्रबंध भी दिल्ली सरकार द्वारा किया जाएगा.'

मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के बाद स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों से कहा 'जो व्यक्ति ठीक हो चुके हैं उनसे मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि आप सब लोग सामने आकर प्लाज्मा डोनेट करें ताकि लोगों की जान बचाई जा सके. किसी की जान बचाने का अवसर बड़ी मुश्किल से मिलता है. आप लोगों के पास यह अवसर है इसलिए सामने आकर लोगों की जान बचाएं.'

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