Contraceptive Injection for Men: पुरुषों के लिए आया गर्भनिरोधक इंजेक्शन, ICMR ने 303 शादीशुदा लोगों पर किया टेस्ट; मिला ये रिजल्ट

ICMR ने 303 शादीशुदा पुरुषों पर इसे प्रयोग किया. इन 303 स्वस्थ पुरुष वॉलंटियरों पर 7 साल तक यह प्रयोग चला. इस स्टडी में पता चला कि गैर-हार्मोनल इंजेक्शन वाले पुरुष गर्भनिरोधक RISUG (रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस) पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है. यह लंबे समय तक काम करता है.

Representational Image | Pixabay

Contraceptive Injection for Men: गर्भनिरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल अब तक महिलाएं ही करती थीं लेकिन अब ऐसा ही इंजेक्शन पुरुषों के लिए भी आ गया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने पुरुषों को लगने वाले गर्भनिरोधक इंजेक्शन का सफल ट्रायल किया है. पुरुषों पर ICMR का पहला गर्भनिरोधक टेस्ट सफल रहा है. ICMR ने 303 शादीशुदा पुरुषों पर इसे प्रयोग किया. इन 303 स्वस्थ पुरुष वॉलंटियरों पर 7 साल तक यह प्रयोग चला. इस स्टडी में पता चला कि गैर-हार्मोनल इंजेक्शन वाले पुरुष गर्भनिरोधक RISUG (रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस) पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है. यह लंबे समय तक काम करता है. करोड़ो भारतीय इस बीमारी से हो सकते हैं पीड़ित, AIIMS की स्टडी में बड़ा खुलासा.

TOI की रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय ओपन एक्सेस जर्नल एंड्रोलॉजी में स्टडी के तीसरे चरण के निष्कर्ष को प्रकाशित किया गया है. इसके मुताबिक 303 स्वस्थ, सेक्सुअली ऐक्टिव और विवाहित पुरुषों (25-40 वर्ष की आयु) को परिवार नियोजन उपाय के लिए चुना गया और 60 मिलीग्राम RISUG वाला इंजेक्शन दिया गया. खास बात यह है कि RISUG से बिना किसी गंभीर साइड-इफेक्ट के 99 प्रतिशत प्रेग्नेंसी रोकी जा सकती है.

नहीं हैं गंभीर साइडइफेक्ट्स

इस स्टडी में पाया गया कि कि RISUG की गर्भावस्था रोकथाम दर बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के 99.02 फीसदी थी. इसमें पाया गया कि RISUG ने 97.3 प्रतिशत एजोस्पर्मिया हासिल किया.यह एक मेडिकल टर्म है जो बताता है कि सीमेन में कोई एक्टिव शुक्राणु मौजूद नहीं है. इस स्टडी के दौरान इन 60 पुरुषो की पत्नियों के स्वास्थ्य की भी निगरानी की गई और पाया गया कि कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ा. पुरुषों के लिए बनाए गया यह गर्भनिरोधक इंजेक्शन जो पुरुषों की सेहत को बिना नुकसान पहुंचाए पार्टनर की प्रेग्नेंसी रोकने में सफल साबित हुआ है.

RISUG कैसे काम करता है

RISUG को स्पर्म डक्ट (टेस्टिकल में vas deferens या स्पर्म डक्ट होता है) में इंजेक्ट किया जाता है. RISUG को एक के बाद एक स्पर्म डक्ट्स में इंजेक्ट किया जाता है. इंजेक्शन वाली जगह पर लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है. एक बार इंजेक्शन लगने के बाद चार्ज्ड पॉलिमर स्पर्म डक्ट की आंतरिक वॉल में चिपक जाते हैं. जब पॉलिमर निगेटिव चार्ज्ड स्पर्म के संपर्क में आता है तो यह उसे नष्ट कर देता है. इससे ये एग्स को फर्टिलाइज करने में असमर्थ हो जाते हैं.

Share Now

\