मोदी कैबिनेट की बैठक शुरू, नागरिकता संशोधन बिल को लेकर हो सकती है चर्चा, जल्द संसद में पेश किए जाने की संभावना

केंद्र सरकार अगले हफ्ते नागरिकता संशोधन बिल संसद में पेश कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नागरिकता संशोधन बिल को लेकर बुधवार सुबह मोदी कैबिनेट की बैठक होने जा रही है.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार अगले हफ्ते नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) संसद में पेश कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नागरिकता संशोधन बिल को लेकर बुधवार सुबह मोदी कैबिनेट की बैठक होने जा रही है. बताया जा रहा है कि मोदी कैबिनेट की इस बैठक में नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी मिल सकती है. उधर, बीजेपी संसदीय दल की मंगलवार को हुई बैठक के दौरान संसद में पार्टी सांसदों के अनुपस्थित रहने का विषय भी उठा. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सांसदों को संसद में विधेयकों पर चर्चा व पारित होने के समय उनकी कम उपस्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाखुशी से अवगत कराया.

सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह ने बीजेपी सांसदों से कहा कि जब गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करें तब वे बड़ी संख्या में उपस्थित रहें. उन्होंने कहा कि यह मसौदा विधेयक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने वाला विधेयक था. यह भी पढ़े: नागरिकता संशोधन विधेयक पर बोले राजनाथ सिंह, असम की सूचि से किसी भी भारतीय को नहीं हटाया जाएगा

वहीं इस बिल को लेकर असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का एक बयान आया है. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के साथ इस बिल को लेकर उनकी बातचीत सकारात्मक रही. बातचीत के बाद इस मुद्दे पर कई शंकाओं को दूर कर लिया गया है और कुछ समस्याओं पर अभी बातचीत जारी है. बिस्वा सरमा ने कहाकि नागरिकता संशोधन विधेयक जल्द ही सकारात्मक माहौल में संसद में आएगा और जल्द ही शेष समस्याओं का भी समाधान कर लिया जाएगा. वहीं इस बिल का विरोध होते देख पिछले हफ्ते अमति शाह ने असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के राजनीतिक दलों और छात्रों और समाज के लोगों के साथ एक बैठक कर इस प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा की थी.

जानें क्या है नागरिकता संशोधन बिल

बता दें कि इस विधेयक के तहत नागरिकता अधिनियम 1955 को संशोधित करने की बात की गई है, जिससे नागरिकता देने वाले नियमों में बदलाव होगा. इस बिल में संशोधन के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में आकर बसे हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैनों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता आसान हो जाएगा.

 

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