पाकिस्‍तान के नागरिकों ने भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए मोदी सरकार की सराहना की

भारत इस समय लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया कहा जाता है. भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की गद्दी बरकरार रखने के लिए पसंदीदा माना जा रहा है, जिस पर पाकिस्तानियों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है.

PM Modi in Shivamogga | ANI

इस्लामाबाद, 19 मार्च : भारत इस समय लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया कहा जाता है. भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की गद्दी बरकरार रखने के लिए पसंदीदा माना जा रहा है, जिस पर पाकिस्तानियों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है. भारत में चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में होंगे, जिसमें लगभग एक अरब पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.

पाकिस्तान के कुछ निवासियों ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत में कुछ क्षेत्रों, खासकर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में वास्तव में अच्छा काम किया है. जबकि कई पाकिस्तानी भारत में चल रही एनडीए सरकार के आलोचक हैं, कुछ नरेंद्र मोदी सरकार के प्रदर्शन की सराहना करने के अलावा, पड़ोसी देश द्वारा चुनाव जैसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सुचारु संचालन की सराहना करते हैं. यह भी पढ़ें : Loksabha Election 2024: जम्मू में 4,914 हथियार धारकों को हथियार जमा करने का निर्देश

इस्लामाबाद के एक निवासी ने कहा, “चुनाव कराना एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. भारत और नरेंद्र मोदी सरकार की न केवल देश की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए, बल्कि हरेक कार्यकाल के बाद चुनाव कराना सुनिश्चित करने के लिए भी सराहना की जानी चाहिए. यह निश्चित रूप से एक उपलब्धि है.'' पाकिस्तान में कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने से दोनों देशों के बीच संबंधों के सामान्य होने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है.

वरिष्ठ राजनीतिक विश्‍लेषक अदनान शौकत ने कहा, “पाकिस्तान में इस वक्‍त सत्ता में शरीफ हैं और यह सबको पता है कि शरीफ परिवार नरेंद्र मोदी के साथ बेहतर संबंध साझा करता है. इसलिए, मुझे लगता है कि अगर नरेंद्र मोदी तीसरी बार चुनाव जीतते हैं, तो इससे दोनों कट्टर प्रतिद्वंद्वी पड़ोसियों के बीच जुड़ाव के कुछ सकारात्मक रास्ते भी खुल सकते हैं.''

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