चाइनीज हैकर्स ने इटैलियन फर्म की भारतीय यूनिट को लगाया 130 करोड़ रुपये का चूना
चाइनीज हैकर्स ने एक इटालियन कंपनी की भारतीय यूनिट से 1.86 करोड़ डॉलर (लगभग 130 करोड़ रुपये) ठग लिए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े के लिए चीनी हैकर्स ने फिशिंग ई-मेल का इस्तेमाल किया है.
चाइनीज हैकर्स ने एक इटालियन कंपनी की भारतीय यूनिट से 1.86 करोड़ डॉलर (लगभग 130 करोड़ रुपये) ठग लिए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े के लिए चीनी हैकर्स ने फिशिंग ई-मेल का इस्तेमाल किया है. यह ऐसा संदिग्ध ई-मेल होता है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति या संस्था के बारे में संवेदनशील जानकारी जैसे यूजर नेम, पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड का विवरण आदि हासिल कर लिया जाता है. यह देश में हुई सायबर धोखाधड़ी की बड़ी घटनाओं में से एक है. बता दें कि हैकर्स ने इटली के टेक्निमोंट की भारतीय सब्सिडियरी टेक्निमोंट प्राइवेट लिमिटेड को एक ऐसे ईमेल एकाउंट से ईमेल भेजी, जो ग्रुप के सीईओ पिएरोबर्टो फोलगिएरो के ईमेल एकाउंट के जैसा था.
कंपनी ने मुंबई पुलिस की सायबर क्राइम यूनिट को दी शिकायत में बताया है कि हैकर्स ने चीन में एक्विजिशन की 'गोपनीय' जानकारी पर चर्चा करने के लिए कई कॉन्फ्रेंस कॉल की. इन कॉल्स में बहुत से लोगों ने ग्रुप के सीईओ, स्विट्जरलैंड के टॉप लॉयर और कंपनी के अन्य सीनियर एग्जिक्यूटिव्स की भूमिकाएं निभाईं. मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी की चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) मारियो रुजा से कथित रूप से कुछ चीनी नागरिकों ने एक ऐसे ई-मेल आईडी से संपर्क किया जो उनके कंपनी की ग्रुप सीईओ के ई-मेल से बहुत मिलता जुलता था.
बताया जा रहा है कि ग्रुप सीईओ के नाम से चीनी नागरिकों ने एक गोपनीय विलय एवं अधिग्रहण सौदे के लिए भारी रकम की मांग की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन हैकर्स ने कंपनी के स्थानीय मैनेजर्स को नई कंपनी खरीदने के लिए राजी कर लिया और इसके लिए फंड भी ले लिया. इसके बाद हैकर्स ने इटली के टेक्निमोंट की भारतीय यूनिट टेक्निमोंट प्राइवेट लिमिटेड को एक ई-मेल अकाउंट से मेल भेजी और इस मेल के साथ ही खेल शुरू हो गया. दरअसल जिस अकाउंट से हैकर्स ने मेल किया वह ग्रुप के सीईओ पिएरोबर्टो फोलगिएरो के ईमेल अकाउंट के जैसा लग रहा था.
इसके बाद हैकर्स बाद चीन में नई कंपनी की अधिग्रहण की निजी जानकारी के लिए एक कॉन्फ्रेंस कॉल की जिसमें ग्रुप के सीईओ, स्विट्जरलैंड के टॉप लॉयर और कंपनी के अन्य सीनियर एग्जिक्यूटिव्स समेत कई लोग शामिल हुए. हैकर्स ने कंपनी के भारत में स्थिति टेक्निमोंट SpA में हेड को राजी कर लिया कि रेगुलेटरी समस्या के कारण इटली से अधिग्रहण के पैसे ट्रांसफर नहीं किए जा सकते. इसके बाद कंपनी के भारतीय हेड ने एक सप्ताह के अंदर तीन बार में 56 लाख डॉलर, 94 लाख डॉलर और 36 लाख डॉलर टांसफकर किए.
यह रकम भारत से हांगकांग में बैंकों को ट्रांसफर की गई थी और इसे मिनटों में निकाल लिया गया था. हैकर्स ने चौथी बार ट्रांसफर की कोशिश की, लेकिन तब तक धोखाधड़ी का खुलासा हो गया था. इस ठगी का तब पता चला जब टेक्निमोंट SpA के चेयरमैन फ्रैंको गिरिनगेली दिसंबर में भारत आए थे. टेक्निमोंट SpA इटली के बड़े बिजनेस ग्रुप मेर टेक्निमोंट का हिस्सा है. कंपनी इंजीनियरिंग, एनर्जी और केमिकल्स जैसे बिजनेस करती है. कंपनी का कहना है कि वह इसे सायबर अपराध नहीं, बल्कि एक फ्रॉड मानती है. कंपनी ने ईटी से उसके नाम का खुलासा न करने का भी निवेदन किया.