बदलेगी घिसे पिटे बस अड्डों की तस्वीर, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे नए बसपोर्ट

अब आपके पुराने बस अड्डे अब बसपोर्ट बनने वाले हैं. केंद्र सरकार ने देश में एयरपोर्ट की तर्ज पर बसपोर्ट विकसित करने की योजना में संशोधन किया है. इस प्रोजेक्ट के बाद आपके बस अड्डे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे. बस पोर्ट में साफ टॉयलेट, वेटिंग हॉल, टिकट काउंटर, रेस्तरां, बसों, कारों व मोटर साइकिल के लिए पृथक कार पार्किंग की सुविधाएं होंगी.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे नए बसपोर्ट (Photo Credit- Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: देश में अब बस अड्डों की तस्वीर बदलने वाली है. अब आपके पुराने बस अड्डे बसपोर्ट बनने वाले हैं. केंद्र सरकार ने देश में एयरपोर्ट की तर्ज पर बसपोर्ट विकसित करने की योजना में संशोधन किया है. अब प्रत्येक राज्य में एक बसपोर्ट का विकास केंद्र सरकार 'पायलट प्रोजेक्ट' के तहत करेगी. फिर उसी मॉडल के आधार पर राज्य सरकारों को अन्य बसपोर्ट का विकास स्वयं कराने को कहा जाएगा. इस प्रोजेक्ट के बाद आपके बस अड्डे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और नाम होगा बसपोर्ट. बस पोर्ट में साफ टॉयलेट, वेटिंग हॉल, टिकट काउंटर, रेस्तरां, बसों, कारों व मोटर साइकिल के लिए पृथक कार पार्किंग की सुविधाएं होंगी.

खास बात यह है कि ‘बस पोर्ट' से निजी बसों का भी संचालन किया जाएगा. वर्तमान व्यवस्था में निजी बसें सड़क पर सवारियां भरती हैं जबकि अब ऐसा नहीं होगा इस बसपोर्ट में अब निजी बसों को भी जगह मिलेगी.

केंद्र सरकार ने पहले राज्यों को बसपोर्ट का अपने स्तर पर निर्माण करने को कहा था, लेकिन कुछ राज्यों ने पहले केंद्र को इसका निर्माण करने को कहा क्योंकि बसपोर्ट की परिकल्पना एकदम नई है और राज्यों को इसके लिए उदहारण की जरुरत है. जिससे राज्यों को बसपोर्ट की स्थापना और संचालन के बारे में अनुभव हासिल होगा.

केंद्र देगा राज्यों को बसपोर्ट के नमूने

राज्यों ने नमूने के तौर पर केंद्र को प्रत्येक राज्य में पहले बसपोर्ट का निर्माण करने को कहा है. इस संदर्भ में जो राज्य सरकारें अपने यहां बसपोर्ट स्थापित करने की इच्छुक हैं, उन्हें सबसे पहले जगह का चयन कर नोडल एजेंसी नियुक्त करनी होगी. इसके बाद उन्हें सड़क मंत्रालय द्वारा नियुक्त एजेंसी को प्रस्ताव भेजना होगा. इस प्रस्ताव में बसपोर्ट के लिए चिह्नित स्थानों, जमीन और प्रशासनिक इंतजामों का ब्यौरा दिया जाएगा. साथ ही राज्यों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि बसपोर्ट सार्वजनिक तथा निजी दोनो तरह के बस आपरेटरों के लिए खुले होंगे. यह भी पढ़ें- तेल की महंगाई तोड़ रही है आम जनता की कमर, दिल्ली में 83 तो मुंबई में 91 पार पहुंचा पेट्रोल

बसपोर्ट का विकास ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) अथवा पीपीपी के बीओटी ( बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर ) अथवा एचएएम ( हाइब्रिड-एन्यूटी मॉडल ) मॉडल पर हो सकता है.

सड़क परिवहन मंत्रालय ने जारी किए दिशा-निर्देश

सड़क परिवहन मंत्रालय ने 7 सिंतबर को नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए राज्यों से मॉर्डन बस पोर्ट बनाने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं. इस संदर्भ में यूपी, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों अक्तूबर से अपने प्रस्ताव भेजने शुरू कर देंगे.चयनित स्थलों की प्री-फिजबिलटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया जाएगा.

सूत्रों के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक मॉडल बसपोर्ट बनाया जाएगा. इस मॉडल के आधार पर राज्य के अन्य शहरों में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे ग्रीन फील्ड मौजूदा बस अड्डों के स्थान पर बसपोर्ट बनेंगे.

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