लखनऊ. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के सरकारी बंगले को खाली होने के बाद मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच अखिलेश यादव ने एक बार फिर से अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर सफाई देते नजर आए. अखिलेश यादव ने कहा कि सरकारी बंगले के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की है. जो सामान मेरा था उसे मैं लेकर गया हूं. उन्होंने सीएम योगी पर हमला करते हुए कहा यह उपचुनाव में मिली हार की बौखलाहट है. उन्होंने मीडिया से पुछा उन्हें पता है किसने नल की टोटी को निकाला था.
मीडिया से मुखातिब होते हुए स्विमिंग पूल को मिट्टी से भरे जाने के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि स्विमिंग पूल कहां था ये बताइए. इस दौरान उनके हाथ में नल की टोटी थी जिसे दिखाते हुए उन्होंने कहा कि इसकी कीमत लैपटॉप से ज्यादा नहीं है. अखिलेश ने कहा कि बंगले में जो मंदिर है वो हमने बनवाया था, हमें मेरा मंदिर लौटा दो. उन्होंने कहा कि आज भी कई चीजें हमारी मुख्यमंत्री आवास में है उन्हें वापस कर दें. वहीं गर्वनर राम नाईक पर तंज कसते हुए कहा कि उनके अंदर आरएसएस की आत्मा है न की सविधान की.
Wooden flooring along with many things in bungalow are intact. One damaged corner of house was photographed in way to make it look like house was left in a bad state. Log pyaar mein andhe hote honge par jalan aur nafrat mein andhe hote hain yeh meine dekha hai: Akhilesh Yadav pic.twitter.com/3ASvIIDpaJ
— ANI UP (@ANINewsUP) June 13, 2018
गौरतलब हो कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने 3 जून को 4 विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगला खाली कर दिया था और 9 जून को इसकी चाभियां राज्य सम्पत्ति विभाग को दे दी. लेकिन जब विभाग की टीम बंगले के अंदर गई तो वहां का हाल देखकर दंग रह गई. बंगले में टाइल्स उखाड़ने से लेकर एसी स्विच तक निकाल लिए गए थे. कई जगहों पर पानी की टोटी तक को निकाल लिया गया.
Main toti (faucet) lekar aya hun. Agar sarkar ko yeh lage ki koi toti main lekar chala gaya hun, sarkaar ginti bata de, main poore ki poori toti dene ke liye tayaar hun: Akhilesh Yadav pic.twitter.com/XgV3BRYGKM
— ANI UP (@ANINewsUP) June 13, 2018
जिसके बाद राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले को गंभीर बता जांच के निर्देश दिए थे. राज्यपाल राम नाईक ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चिट्ठी लिखी है.