कुत्ते के काटने से भैंस की मौत, रेबीज टीका लगवाने के लिए अस्पताल भागे लोग
भैंस (Photo Credits: Twitter)

भोपाल, 27 मार्च : मध्य प्रदेश के एक गांव में कुत्ते के काटने से एक भैंस और उसके बछड़े की मौत ने लोगों में दहशत पैदा कर दी, जिससे उन्हें रेबीज के टीके के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. घटना ग्वालियर जिले के एक गांव की है. गुरुवार को भैंस और उसके बछड़े की मौत की खबर फैलते ही गांव के लोग चिंतित हो गए. वे घबरा गए और एक स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे क्योंकि उन्होंने मरने वाली भैंस का दूध पी लिया था. भैंस की मौत की खबर सुनते ही एक के बाद एक लोग रेबीज का टीका लगाने के लिए दौड़ पड़े.

बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने से मेडिकल स्टाफ हैरान रह गया और उन्हें पता चला कि एक पागल आवारा कुत्ते के काटने से एक भैंस और उसके बछड़े की मौत हो गई है. ग्वालियर जिले के डबरा कस्बे में अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने कहा, "इससे तब गांव में हड़कम्प गया जब सैकड़ों लोगों को पता चला कि एक धार्मिक समारोह में उन्होंने जो 'रायता' खाया था, वह उसी भैंस के दही से बनाया गया था. इसलिए, वे टीका लगाने के लिए अस्पताल की ओर दौड़ पड़े." यह भी पढ़ें : Bundelkhand Water Crisis: बुंदेलखंड में ‘पानी’ के लिए ‘पानी’ की तरह बही रकम, कौन लेगा हिसाब

रिपोर्ट्स के मुताबिक एक ही भैंस का दूध भी कई घरों में पहुंचाया गया. लोग यह जानकर घबरा गए कि जिस कुत्ते ने उन्हें काटा था, वह पागल था. यह खबर फैलते ही लोगों को डर लगने लगा कि कहीं दूध और दही से उन्हें रेबीज न हो जाए. रेबीज के टीके के सीमित स्टॉक के साथ, वहां एकत्र हुए लगभग 1,000 लोगों को चिकित्सा कर्मचारियों को लोगों को समझाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. वे सभी खुद को बचाने के लिए टीका लगवाना चाहते थे.

स्थिति बिगड़ने पर ग्वालियर मेडिकल कॉलेज और संक्रामक रोग केंद्र के अधिकारियों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए डबरा क्षेत्र जाना पड़ा. रेबीज इंजेक्शन की उच्च मांग के साथ, पीएचसी में रेबीज रोधी स्टॉक भी समाप्त हो गया. उन्होंने आगे कहा कि लगभग 1,000 लोग एंटी-रेबीज डोज लेना चाहते थे, लेकिन उनमें से केवल एक को ही टीका लग पाया. हालांकि 150 लोग नहीं माने और उन्हें टीका लगाया गया. जिन्हें टीका नहीं लगा, उनमें से कई ने टीकाकरण के लिए निजी अस्पतालों से संपर्क भी किया.