Budget 2024: आर्थिक मजबूती से वित्त मंत्री सीतारमण के लिए विकास की राह आसान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अंतरिम बजट 2024 आज संसद में पेश किया जाएगा, जिसमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकार के बड़े खर्च को जारी रखने और गरीबों के लिए कृषि और दूसरी योजनाओं पर फोकस करने की उम्मीद है.

Nirmala Sitharaman (Photo Credit: Facebook)

नई दिल्ली, 1 फरवरी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अंतरिम बजट 2024 आज संसद में पेश किया जाएगा, जिसमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकार के बड़े खर्च को जारी रखने और गरीबों के लिए कृषि और दूसरी योजनाओं पर फोकस करने की उम्मीद है.

अर्थव्यवस्था में 7 प्रतिशत से अधिक के विकास के चलते टैक्स कलेक्शन में उछाल आया है जिससे वित्त मंत्री को राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने और स्थिरता के साथ आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है. नौ वर्षों में, संरचनात्मक सुधारों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावशाली ढंग से बढ़ी है.

आईएमएफ के अनुसार, "भारत एक स्टार के रूप में उभरा है" और डिजिटलीकरण और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आर्थिक सुधारों के कारण वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत से अधिक योगदान देने का अनुमान है. भारत की वास्तविक जीडीपी ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2023) में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो प्रमुख देशों में सबसे अधिक है. देश का राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 2023-24 में भारत की वास्तविक जीडीपी दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगा रहा है. यह भी पढ़ें : Budget 2024: हमारी सरकार ने 7 IIT, 16 IIIT, 7 IIM, 15 AIIMS और 390 विश्वविद्यालयों की स्थापना की- वित्त मंत्री

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 24 में भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अपना विकास अनुमान बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले के 6.3 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है. इसके विपरीत, ओईसीडी का आर्थिक आउटलुक ने 2024 के लिए अधिकांश बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए वास्तविक जीडीपी 0.7-1.7 प्रतिशत की सीमा में और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए लगभग 4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है.

मुद्रास्फीति में गिरावट से आर्थिक स्थिरता बढ़ी है. दिसंबर 2023 में, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत दर्ज की गई, जो आरबीआई की ऊपरी सीमा से नीचे रही. इसके अलावा, मुद्रास्फीति का मुख्य घटक 48 महीनों में सबसे निचले स्तर 3.89 प्रतिशत पर पहुंच गया.

भारत का शेयर बाजार पहली बार वैश्विक स्तर पर चौथे सबसे बड़े इक्विटी बाजार के रूप में हांगकांग से आगे निकल गया है. भारत के आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों की मजबूती के साथ-साथ मानव विकास में प्रगति हुई है. नीति आयोग के अनुसार, पिछले 9 वर्षों में लगभग 25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा ने ऊपर आए; और गरीबी अनुपात में भारी गिरावट आई है, जो 2013-14 में 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 11.28 प्रतिशत हो गई है.

दिसंबर 2023 में यूपीआई लेनदेन एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया, जिसका मूल्य 18.23 ट्रिलियन रुपए (42 प्रतिशत सालाना) और 12.02 बिलियन वॉल्यूम (54 प्रतिशत सालाना) था. भारत का विनिर्माण पीएमआई दिसंबर 2023 में 54.9 था, जिसमें 30 महीनों से विस्तार हुआ है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने रुपए से अधिक का रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है. पिछले वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 2022-23) में 1 लाख करोड़.

बैंकों का एनपीए और शुद्ध एनपीए दशक के निचले स्तर पर है. बैंक रिकॉर्ड डिविडेंड सरकार को दे रहे हैं और उन पैसों का उपयोग 'गरीब कल्याण' के लिए किया जा रहा है. हाल ही में आए तिमाही नतीजों के मुताबिक, भारी परेशानी से उबरकर एसबीआई भारत में 'सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली' कंपनी बन गई है. वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में एसबीआई ने 18,537 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.

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