
दिल्ली विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती का काम शुरू हो गया है. शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिलता दिख रहा है. आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेता फिलहाल पीछे चल रहे हैं.दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. अब तक 38 सीटों के नतीजे घोषित हुए हैं. इनमें 25 सीटें बीजेपी को और 13 आम आदमी पार्टी को मिली हैं. बाकी सीटों के रुझान से राजधानी की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी की वापसी के संकेत मिल रहे हैं. अब तक मिले रुझानों में भारतीय जनता पार्टी 37 सीटों पर आगे चल रही है. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी फिलहाल 12 सीटों पर आगे है. कांग्रेस पार्टी का इस चुनाव में ऐसा लग रहा था कि खाता खुलेगा लेकिन शुरुआती रुझानों में एक सीट पर बढ़त लेने के बाद पार्टी फिर पिछड़ गई है. अगर यही हाल बना रहा तो यह लगातार तीसरा चुनाव होगा जिसमें दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं होगा. दूसरी तरफ भारी बहुमत के साथ बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली में वापसी करेगी.
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भी नई दिल्ली सीट पर बीजेपी के प्रवेश साहिब सिंह से पीछे चल रहे हैं. इस सीट पर दोनों उम्मीदवारों में कांटे की टक्कर है.12 दौर की मतगणना के बाद अरविंद केजरीवाल इस सीट पर 3 हजार से ज्यादा वोटों से पीछे चल रहे हैं. इसी सीट पर कांग्रेस पार्टी के संदीप दीक्षित तीसरे नंबर पर हैं.
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना भी कालकाजी सीट से आगे चल रही हैं. 11 दौर की मतगणना के बाद यहां बीजेपी के रमेश बिधूड़ी करीब 2 हजार से ज्यादा वोटों से उनसे पीछे हैं. दिल्ली की जंगपुरा सीट से मैदान में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया रुझानों में पीछे चल रहे हैं. 10 दौर की मतगणना के बाद इस सीट पर बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह 500 से ज्यादा मतों से आगे हैं. ग्रेटर कैलाश में आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज चुनाव हार गए हैं. उन्हें बीजेपी की शिखा रॉय ने 3 हजार से ज्यादा मतों से हराया है. बीजेपी ने पटपड़ गंज और गांधी नगर सीट भी जीत ली है.
वोटों की गिनती की काम स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 8 बजे शुरू हुआ. सबसे पहले पोस्टल वोटों की गिनती शुरू हुई.
अब तक के नतीजे
दिल्ली में 21सीटों के नतीजे आ चुके हैं. इसमें शालिमार बाग, संगम विहार और राजौरी गार्डेन में बीजेपी की जीत हासिल हुई है. शालीमार बाग में बीजेपी की रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 29,000 से ज्यादा मतों से हराया है. उधर राजौरी गार्डेन में मनजिंदर सिंह सिरसा ने आम आदमी पार्टी की ए धनवंती चंदेला को 19 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है.
दिल्ली कैंट सीट पर आम आदमी पार्टी के विरेंद्र सिंह कादियान ने बीजेपी के भुवन सिंह तंवर को करीबी मुकाबले में दो हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. कोंडली सीट पर आप के कुलदीप कुमार बीजेपी की प्रियंका गौतम से 6 हजार से ज्यादा वोटों से जीते हैं. आम आदमी पार्टी ने चांदनी चौक, किराड़ी, सुल्तानपुर माजरा, सदर बाजार, बल्लीमारान, तिलक नगर, कोंडली सीटें भी जीत ली है.
त्रीनगर सीट पर भी बीजेपी को जीत हासिल हुई है. यहां तिलक राम गुप्ता ने प्रीति जितेंद्र तंवर को 15 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. राजेंद्र नगर में बीजेपी के उमंग बजाज ने आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक को 1200 से ज्यादा वोटों से हराया है.
कहां कौन आगे
अब तक के रुझानों में आदर्श नगर, बादली, बवाना, बिजवासन, छतरपुर, द्वारका, ग्रेटर कैलाश, हरी नगर, जनकपुरी, कालकाजी, करावल नगर, लक्ष्मीनगर, मालवीय नगर सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है. दूसरी तरफ अंबेडकर नगर, बदरपुर, बुराड़ी, गोकलपुर में आम आदमी पार्टी आगे है.
कांग्रेस के उम्मीदवार ज्यादातर सीटों पर तीसरे नंबर पर चल रहे हैं. छह दौर से ज्यादा की मतगणना हो चुकी है और अब तक के रुझानों से ऐसा लग रहा है कि इस बार भी कांग्रेस पार्टी को कोई सीट नहीं मिल सकेगी.
चुनाव के मुद्दे
आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने इन चुनावों में बेहतर प्रशासन और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने की कोशिश की थी. दोनों पार्टियों ने स्कूलों को बेहतर बनाने, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और बिजली के साथ ही गरीब महिलाओं को मासिक भत्ता देने की बात कही थी. बीजेपी जहां बीते साल केंद्र की सत्ता में वापसी के साथ ही हरियाणा और महाराष्ट्र की जीत से उत्साहित थी, वहीं आम आदमी पार्टी को अपने बीते 10 साल के शासन में हुए कामों का भरोसा था.
चुनाव अभियान के दौरान बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के दौर में हुए कथित आबकारी घोटाला और मुख्यमंत्री आवास के सुधार पर भारी खर्च को मुद्दा बनाने का प्रयास किया. बीते सालों में भ्रष्टाचार के आरोपों में आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं को काफी समय जेल में भी रहना पड़ा था. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं.
हाल ही में आए केंद्रीय बजट में सरकार ने टैक्स छूट और उनकी दरों में बदलाव कर वेतनभोगी कर्मचारियों को राहत देने की कोशिश की थी. ऐसा लग रहा है कि चुनाव के नतीजों पर इन घोषणाओं का भी असर हुआ है.
क्या दिल्ली चुनाव से गायब है साफ हवा-पानी का मुद्दा
70 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत है और रुझानों में बीजेपी ने बहुमत हासिल कर लिया है. अगर ये रुझान सीटों में तब्दील होते हैं तो 27 वर्षों के बाद दिल्ली की सत्ता में बीजेपी की वापसी होगी. दिल्ली विधानसभा के लिए 5 फरवरी को चुनाव हुए थे. चुनाव के बाद लगभग सभी एग्जिट पोल में बीजेपी की जीत की बात कही गई थी.
आम आदमी पार्टी चौथी बार दिल्ली की सत्ता हासिल करने की उम्मीद के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी. पहली बार कांग्रेस पार्टी के समर्थन से सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी को पिछले दो चुनावों में भारी जीत मिली थी.
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