पटना, 18 अगस्त: बिहार में अब तक मानसून ऐसा रूठा है कि किसानों के साथ सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. बिहार में मानसून के दगा देने का आलम यह है की अब तक 41 फीसदी कम बारिश हुई है, जिससे किसानों की धान की फसल खेतों में पीली पड़ने लगी है. पति अपनी पत्नी से बच्चे को जन्म देने की बात करता है तो इसे क्रूरता नहीं माना जा सकता: कर्नाटक उच्च न्यायालय
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की औसत बारिश की तुलना में महज 30 फीसदी बारिश हुई है. अगस्त में अच्छी बारिश के आसार बिल्कुल नहीं है.
आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जून माह में सामान्य वर्षापात से 6 प्रतिशत अधिक वर्षापात हुआ जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 182 मिलीमीटर कम है. जुलाई माह में वर्षापात का विचलन 60 प्रतिशत है जो पिछले वर्ष की तुलना में 123 मिलीमीटर कम है. 1 जून से 31 जुलाई की अवधि में 39 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ लेकिन 20 जुलाई से पुन: मानसून के सक्रिय हो जाने से अधिकांश भागों में बारिश हुई.
उन्होंने बताया कि जुलाई माह के उत्तरार्ध और अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में वर्षा के कारण धान के आच्छादन में वृद्धि हुई. 1 अगस्त से 17 अगस्त तक वषार्पात का विचलन 46 प्रतिशत है लेकिन अगस्त माह के द्वितीय एवं तृतीय सप्ताह में वर्षापात में कमी के कारण 17 अगस्त को सामान्य से 41 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ.
उन्होंने बताया कि जून माह में राज्य के 19 जिले में सामान्य बारिश हुई, जबकि जुलाई माह में वर्षापात की कमी के कारण तीन जिलों अररिया, किशनगंज और सुपौल को छोड़कर शेष 35 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई.
आंकड़ों के मुताबिक, 20 जुलाई तक 212 प्रखंड कम बारिश की स्थिति से ज्यादा प्रभावित था, लेकिन फिलहाल 123 प्रखंड ज्यादा प्रभावित हैं.
राहत की बात है कि राज्य में 80 फीसदी से अधिक धान की रोपनी हो चुकी है, लेकिन अब इसे बारिश के बिना बचा लेना किसानों के लिए बड़ी चुनौती है.
कृषि वैज्ञानिक एस के सिंह कहते हैं कि अगर अगस्त महीने में राज्य भर में झमाझम बारिश नहीं हुई तो परेशानी और बढ़ जाएगी. इधर, किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने किसानों को अनुदान पर डीजल उपलब्ध करा रही है.
कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने बताया कि डीजल अनुदान योजना के तहत 1 लाख 33 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 27099 आवेदकों को राशि ट्रांसफर कर दी गयी है. शेष आवेदकों की जांच तेजी से की जा रही है और जल्द ही उनके खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि आकस्मिक फसल योजना के तहत 12 प्रकार की फसल के बीज जल्द ही किसानों को उपलब्ध करा दिए जाएंगे.
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति पर पूरी नजर रखने और किसानों को सहायता देने के लिए पूरी तैयारी रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.