Bihar: होली के बाद से तीन जिलों में जहरीली शराब पीने से 37 की मौत

बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत का सिलसिला जारी है. बिहार पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, होली के दिन से अब तक बिहार के तीन जिलों में जहरीली शराब पीने से 37 लोगों की मौत हो चुकी है.

शराब I प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo credits: Pixabay)

पटना, 21 मार्च: बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत का सिलसिला जारी है. बिहार पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, होली के दिन से अब तक बिहार के तीन जिलों में जहरीली शराब पीने से 37 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा मौतें भागलपुर जिले में हुईं, जहां शनिवार सुबह से अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा बांका जिले में 12 और मधेपुरा में 3 लोगों की जान चली गई.

हालांकि बिहार पुलिस का दावा है कि ये रहस्यमयी मौतें हैं और मौतों के वास्तविक कारणों की पहचान करने के लिए जांच की जा रही है.

गंगवार ने कहा, "प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि कुछ लोगों की मौत कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई थी, जबकि अन्य किसी तरह की बीमारी से पीड़ित थे. हम मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं."

गंगवार ने कहा, "हमने संबंधित जिलों के एसपी को मौत की घटनाओं की जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपने का निर्देश दिया है."

भागलपुर में साहेबगंज और नारायणपुर प्रखंड के गांवों के 22 लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गयी. बांका में रविवार सुबह से अमरपुर थाना अंतर्गत विभिन्न गांवों के 12 लोगों की मौत हो गई. जबकि मधेपुरा में मुरलीगंज थाना क्षेत्र के गांवों में तीन मौतें हुई हैं.

पीड़ितों के परिजनों का दावा है कि उन्होंने होली के मौके पर शुक्रवार की शाम और शनिवार की सुबह शराब का सेवन किया और उसके बाद से उनकी तबीयत बिगड़ गई. पीड़ितों ने पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत की. पीड़ितों को भागलपुर, बांका और मधेपुरा के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

भागलपुर के साहेबगंज के मूल निवासी कुमार गौरव ने दावा किया कि उन्होंने स्थानीय पुलिस को इलाके में शराब की बिक्री के बारे में सूचित किया लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया.

गौरव ने स्थानीय मीडिया से कहा, "मैंने भागलपुर की स्थानीय पुलिस को शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सूचना दी थी. यहां तक कि जब कुछ पीड़ितों को इलाज के लिए अस्पतालों में ले जाया गया, तब भी मैंने पुलिस को इसकी जानकारी दी, लेकिन किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी."

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