Bhima Koregaon Case: भीमा कोरेगांव मामला- सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए से ज्योति जगताप की जमानत याचिका पर मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कार्यकर्ता ज्योति जगताप द्वारा दायर जमानत याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा, जो वर्तमान में भीमा कोरेगांव मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत जेल में बंद है
नई दिल्ली, 21 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कार्यकर्ता ज्योति जगताप द्वारा दायर जमानत याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा, जो वर्तमान में भीमा कोरेगांव मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत जेल में बंद है. यह भी पढ़े: भीमा-कोरेगांव हिंसा: पहली वर्षगांठ पर छावनी में तब्दील हुआ पूरा शहर, इंटरनेट सेवाएं बंद
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मामले में 14 सितंबर से पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर सभी दलीलों के साथ अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने अपना अतिरिक्त जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा.
पीठ ने आदेश दिया कि जगताप की याचिका 21 सितंबर को सूचीबद्ध की जाएगी, जब कार्यकर्ता की ओर से पेश वकील अपर्णा भट्ट ने सुनवाई के लिए एक निश्चित तारीख की मांग की मई में, सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के जमानत से इनकार करने के आदेश के खिलाफ जगताप द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया था.
एनआईए ने पहले ही जगताप और अन्य के खिलाफ मुंबई की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था जुलाई में, शीर्ष अदालत ने दो अन्य आरोपियों - वर्नोन गोंसाल्वेस और अरुण फरेरा को जमानत दे दी थी, जो अगस्त 2018 से जेल में थे.
यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को महाराष्ट्र के पुणे के शनिवारवाड़ा में कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एल्गार परिषद के दौरान लोगों को उकसाने और उत्तेजक भाषण देने से संबंधित है, जिसने विभिन्न जाति समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया और हिंसा हुई, जिसके परिणामस्वरूप लोगों की जान चली गई और संपत्ति को नुकसान पहुंचा.