Bharat Bandh on February 26: पेट्रोल-डीजल की कीमतों, E-Way Bill और GST व्यवस्था के विरोध में शुक्रवार को भारत बंद

पेट्रोल- डीजल की बढ़ती कीमतों और वस्तु एवं सेवा कर (GST) की खामियों के विरोध को लेकर शुक्रवार यानी 26 फरवरी को भारत बंद है. देशभर के ट्रेडर्स 26 फरवरी को होने वाले भारत बंद में शामिल होंगे.

भारत बंद (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: पेट्रोल- डीजल (Fuel) की बढ़ती कीमतों और वस्तु एवं सेवा कर (GST) की खामियों के विरोध को लेकर शुक्रवार यानी 26 फरवरी को भारत बंद है. देशभर के ट्रेडर्स 26 फरवरी को होने वाले भारत बंद में शामिल होंगे. जीएसटी व्यवस्था को सरल बनाने की मांग को लेकर व्यापारियों के शीर्ष संगठन द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 26 फरवरी को जहां भारत बंद का आह्वान किया है तो वहीं, ट्रांसपोर्टरों ने डीजल की कीमतें बढ़ने के विरोध में हड़ताल की चेतावनी दी है. शुक्रवार को देशव्यापी बंद के मद्देनजर पूरे देश में सभी वाणिज्यिक बाजार बंद रहेंगे. रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 40, 000 व्यापारिक संगठनों ने सीएआईटी द्वारा बुलाए गए भारत बंद को समर्थन दिया.

सीएआईटी ने बयान में कहा कि देश भर में 40,000 से अधिक व्यापारी संगठनों से जुड़े आठ करोड़ से अधिक व्यापारी जीएसटी नियमों में हाल ही में किए गए कुछ "कठोर, मनमाने और महत्वपूर्ण" संशोधनों के विरोध में 'भारत व्यापी बंद' करेंगे. ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA), एक करोड़ ट्रांसपोर्टर्स की शीर्ष संस्था, पहले ही हड़ताल का समर्थन कर चुकी है, इसने शुक्रवार को पूरे भारत में परिवहन क्षेत्र के 'चक्का जाम' की भी घोषणा की है. पेट्रोल पंप पर अपनी कार में फ्यूल भरवाने पहुंचे शख्स ने किया ऐसा काम, वीडियो देख आप नहीं रोक पाएंगे अपनी हंसी (Watch Viral Video)

प्रमुख मांगों में ईंधन की कीमतों में तत्काल कमी और इसमें एकरूपता, ई-वे बिल व जीएसटी से संबंधित मुद्दों का समाधान आदि शामिल है. देश भर में व्यापारी तथा ट्रांसपोर्टर्स एवं अन्य लोग जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन नहीं कर अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे. भारत व्यापार बंद से कोई असुविधा न हो, इसको देखते हुए कैट ने बंद से आवश्यक सेवाओं को बाहर रखा है.

सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस बंद में केवल व्यापारी ही नहीं बल्कि छोटे उद्योग, फेरीवाले और महिला उद्यमी भी शामिल होंगे. इसके अलावा, चार्टर्ड एकाउंटेंट और कर अधिवक्ताओं के संगठनों ने हड़ताल का समर्थन किया है और अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि वे शुक्रवार को कार्यालयों का दौरा न करें.

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