Bharat Bandh: 'भारत बंद’ का दिल्ली में न्यूनतम प्रभाव; मेट्रो, सड़क परिवहन, बाजारों पर कोई असर नहीं

तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों द्वारा शुक्रवार को आयोजित 12 घंटे के "भारत बंद" का दिल्ली में न्यूनतम असर पड़ा. राजधानी में मेट्रो और सड़क परिवहन सेवाओं के प्रभावित होने की कोई खबर नहीं है, जबकि शहर के प्रमुख बाजार भी खुले रहे.

भारत बंद (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 26 मार्च : तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों (Farmer unions) द्वारा शुक्रवार को आयोजित 12 घंटे के "भारत बंद" का दिल्ली में न्यूनतम असर पड़ा. राजधानी में मेट्रो और सड़क परिवहन सेवाओं के प्रभावित होने की कोई खबर नहीं है, जबकि शहर के प्रमुख बाजार भी खुले रहे. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. किसान यूनियनों द्वारा बुलाया गया "भारत बंद" सुबह छह बजे शुरू हुआ. बंद शाम छह बजे तक रहेगा. नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन (Delhi Railway Station) पर स्थिति सामान्य है. कनॉट प्लेस, करोल बाग, कश्मीरी गेट, चांदनी चौक और सदर में बाजार खुले रहे. खान मार्केट में भी दुकानें खुली रहीं. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थिति शांतिपूर्ण है और नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी अप्रिय घटना की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसानों ने सुबह दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-9 के एक मार्ग को अवरुद्ध कर दिया, लेकिन दोपहर तक शहर में प्रदर्शनकारियों ने कोई गतिविधि नहीं की.

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) को टीकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा, लेकिन कुछ ही मिनटों के बाद, स्टेशन यात्रियों के लिए खोल दिए गए.

एक किसान नेता ने दावा किया कि मायापुरी और कुछ अन्य क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन हुए जहां लोगों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया.

गौरतलब है कि दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर आज सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक भारत बंद का आयोजन किया जा रहा है. प्रदर्शनकारी यूनियनों के संयुक्त संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दावा किया है कि विभिन्न किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों, छात्र संगठनों, बार संघों, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने ‘भारत बंद’ के उसके आह्वान का समर्थन किया है. यह भी पढ़ें : Bharat Bandh: दिल्ली मेट्रो के तीन स्टेशनों के प्रवेश, निकास द्वार दोबारा खुले

एसकेएम ने प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की कि वे बंद के दौरान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करें और किसी भी तरह के गैर-कानूनी विवाद और संघर्ष में शामिल न हों. एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘संपूर्ण भारत बंद के तहत सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे. सभी छोटी और बड़ी सड़कों और ट्रेनों को अवरुद्ध कर दिया जाएगा. एम्बुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं निलंबित रहेंगी. भारत बंद का प्रभाव दिल्ली के भीतर भी देखा जाएगा.’’ किसान नेताओं ने कहा है कि सड़क और रेल परिवहन रोका जाएगा. उन्होंने दावा किया कि बाजार भी बंद रहेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि संगठित और असंगठित क्षेत्रों और परिवहन तथा अन्य संगठनों के ट्रेड यूनियनों ने भी भारत बंद के आह्वान को समर्थन दिया है. यह भी पढ़ें : Bharat Bandh: किसानों के भारत बंद आह्वान पर पुलिस का पहरा सख्त, नेशनल हाइवे 9 पर तैनात जवान

मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर करीब चार माह से डेरा डाले हुए हैं. ये किसान तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और इन्हें पूरी तरह से रद्द करने और अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग कर रहे हैं. अब तक, प्रदर्शनकारी यूनियनों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन गतिरोध जारी है क्योंकि दोनों पक्ष अपने अपने रुख पर कायम हैं.

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