बाबरी विध्वंस केस: जज ने सुनवाई पूरी करने के लिए मांगा छह महीने का वक्त, SC ने दिया कार्यकाल बढ़ाने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार को आदेश दिया है कि जब तक इस मामले पर फैसला न आ जाए तब तक सीबीआई जज रिटायर न किया जाए. सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए उन्हें और छह महीने का वक्त चाहिए.
बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri Masjid Demolition) मामले में सुनवाई कर रहे जज के रिटायरमेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार को आदेश दिया है कि जब तक इस मामले पर फैसला न आ जाए तब तक सीबीआई जज रिटायर न किया जाए. सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए उन्हें और छह महीने का वक्त चाहिए. दरअसल CBI जज एसके यादव (SK Yadav) ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा है.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बेहद जरूरी है कि CBI जज एसके यादव मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाएं. मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई के विशेष जज एसके यादव 30 सितंबर को रिटायर होने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अनुच्छेद 142 के तहत आदेश जारी करेंगे कि उन्हें 30 सितंबर को रिटायर न किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह नियम देखकर बताए कि किस प्रावधान के तहत सेशन जज की रिटायरमेंट की तय सीमा को बढ़ाया जाए. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल की सुनवाई कर रहे CBI जज एस के यादव से पूछा था कि वो किस तरीके से ट्रायल को तय वक्त में पूरा करेंगे. कोर्ट ने सील कवर लिफाफे में जानकारी देने को कहा था.
बता दें कि लखनऊ की सीबीआई अदालत में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 12 आरोपियों पर आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को कहा था कि इसकी कार्यवाही दो साल के भीतर 19 अप्रैल 2019 तक पूरी की जाएगी.