अयोध्या विवाद पर बोले CM योगी, कहा- न्याय मिलने में देरी अन्याय के समान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि देश में बहुसंख्यक समुदाय रामजन्म भूमि विवाद मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के जल्द फैसले की रहा देख रहा है। उन्होंने कहा कि 'न्याय मिलने में देरी अन्याय के समान' है
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि देश में बहुसंख्यक समुदाय रामजन्म भूमि विवाद मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के जल्द फैसले की रहा देख रहा है. उन्होंने कहा कि 'न्याय मिलने में देरी अन्याय के समान' है. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक टालने के बाद आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, "समय पर मिला न्याय, उत्तम न्याय माना जाता है लेकिन न्याय में देरी कभी-कभी अन्याय के समान हो जाती है." उन्होंने कहा कि देश में बहुसंख्यक समुदाय और शांतिप्रिय लोग जल्द से जल्द फैसले और अपनी भावनाओं का सम्मान होने की राह देख रहे हैं.
उन्होंने चिन्हित किया कि राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने भी यही अपील की है. रोजाना सुनवाई के स्थगित होने पर संत समुदाय के बीच बढ़ते अंसतोष पर प्रतिक्रिया देते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि संतों को पूरे धैर्य के साथ इस दिशा में होने वाले सभी सार्थक प्रयासों में सहभागी बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंतरिम परिवर्तन के दौर में संतों को देश में शांति और सद्धभाव को मजबूत करने के सकरात्मक प्रयासों को तेज करना चाहिए. यह भी पढ़े: राम मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद ने बनाया मास्टरप्लान, इन बडे नेताओं से करेंगे संपर्क
यह पूछने पर कि क्या उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव से पहले फैसला आने की संभावना है, आदित्यनाथ ने कहा कि वह चाहते हैं कि मुद्दे को जल्द से जल्द निपटाया जाए क्योंकि राज्य में कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी उनके ऊपर है. उन्होंने कहा कि हालांकि सहमति अच्छा समाधान है और इस मामले से बाहर निकलने के और भी कई रास्ते हैं. आदित्यनाथ ने ट्विटर पर कहा, "अन्य की तरह वह भी न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और संवैधानिक बाध्यताओं को समझते हैं. यह भी पढ़े: अयोध्या राम मंदिर मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी 2019 तक टली
"राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने के सवाल पर भाजपा नेता ने कहा कि मामला विचाराधीन है लेकिन उनका मानना है कि सभी विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए. राजनीतिक गलियारे में उनकी टिप्पणी को भाजपा द्वारा मुद्दे को जल्दी निपटाने के लिए न्यायापालिक पर दबाव के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. सोमवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई में देरी से 'गलत संकेत' जा रहे हैं.