चीन को साधते हुए भारत के करीब जाने की कोशिश में ऑस्ट्रेलिया

भारत ने एलान किया है कि ऑस्ट्रेलिया में एक ट्रेड ऑफिस खोला जाएगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

भारत ने एलान किया है कि ऑस्ट्रेलिया में एक ट्रेड ऑफिस खोला जाएगा. दोनों देश व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता करने की ओर आगे बढ़ रहे हैं.भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एलान किया है कि भारत ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक ट्रेड ऑफिस खोलेगा. यह कदम भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है. यह घोषणा गोयल की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान की गई, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और पर्यटन मंत्री डॉन फैरेल समेत कई नेताओं से मुलाकात की.

फैरल के साथ मुलाकात के बाद एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए ट्रेड ऑफिस का एलान किया गया. सिडनी में खुलने वाला यह कार्यालय भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायों के बीच व्यापार, निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक पुल के रूप में काम करेगा.

इसमें निवेश भारत (इन्वेस्ट इंडिया), नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनआईसीडीसी), एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ईसीजीसी), और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह कार्यालय व्यापार और निवेश के साथ-साथ पर्यटन और तकनीकी सहयोग को भी बढ़ावा देगा.

पीयूष गोयल ने कहा, "हम व्यापार, निवेश, पर्यटन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी साझेदारी को तेजी से बढ़ा रहे हैं, और इसके लिए सिडनी में एक व्यापार कार्यालय खोलने की घोषणा करते हुए मुझे गर्व हो रहा है."

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार संबंधों में तेजी

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने पिछले कुछ वर्षों में अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत किया है. नवंबर 2022 में हुए आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) से दोनों देशों के बीच व्यापार में लगातार बढ़ोतरी हुई है. गोयल ने बताया कि वर्तमान में भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय व्यापार 48 अरब डॉलर का है और अगले पांच वर्षों में इसके लगभग 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.

उन्होंने कहा, "भारत और ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) को व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) में बदलने के लिए काम किया जा रहा है, जो दोनों देशों को एक दूसरे के बाजार में ज्यादा पहुंच देगा."

ऑस्ट्रेलियाई व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने कहा, "भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, और हम अपने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं. हमारा व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए नए रोजगार, व्यापारिक अवसरों और उपभोक्ताओं के लिए कम कीमतों का लाभ दे रहा है."

दोनों देश सेवाओं, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ा रहे हैं. गोयल ने बताया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया अपने मौजूदा समझौते को व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) के रूप में विकसित कर रहे हैं, जिससे व्यापारिक बाधाएं और कम होंगी और अधिक बाजार पहुंच उपलब्ध होगी.

'मेक इन इंडिया' और 'मेक इन ऑस्ट्रेलिया'

गोयल ने 'मेक इन इंडिया' और 'मेक इन ऑस्ट्रेलिया' कार्यक्रमों के बीच संभावित साझेदारी पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, "दोनों देश अपनी घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और हम एक-दूसरे के साथ टेक्नॉलोजी का आदान-प्रदान और व्यापारिक अवसरों को प्रोत्साहित करने की उम्मीद रखते हैं. भारत में निवेश के लिए ‘प्लग एंड प्ले' इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिंगल विंडो सिस्टम, और विनियामक बाधाओं को कम करने जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं."

उन्होंने आगे कहा कि भारत '4डी' यानी लोकतंत्र (डेमोग्राफी), जनसांख्यिकीय लाभ (डेमोग्राफिक डिविडेंड), मांग (डिमांड) और निर्णायक नेतृत्व (डिसाइसिव लीडरशिप) के फायदे प्रदान करता है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक नई दिशा में सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के लिए काम कर रहा है.

चीन के साथ संतुलन साधने का प्रयास

जहां एक ओर ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत कर रहा है, वहीं दूसरी ओर वह चीन के साथ अपने संबंधों को भी संतुलित करने का प्रयास कर रहा है. ऑस्ट्रेलियाई वित्त मंत्री जिम चामर्स इस सप्ताह चीन की यात्रा करने जा रहे हैं.

यह सात साल में पहली बार है जब कोई ऑस्ट्रेलियाई वित्त मंत्री चीन जा रहा है. चामर्स का उद्देश्य चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग के चेयरमैन जेंग शान जिए के साथ ऑस्ट्रेलिया-चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता की सह-अध्यक्षता करना है. चामर्स ने ब्रिसबेन में पत्रकारों से कहा, "यह हमारी आर्थिक साझेदारी को स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है."

चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2020 में संबंध उस वक्त खराब हो गए थे जब ऑस्ट्रेलिया ने कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति की जांच की मांग की थी. लेकिन 2022 में एंथनी अल्बानीजी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ है. इसी साल चीन के प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलिया दौरा किया था. चामर्स की यह यात्रा इस दिशा में एक और कदम है.

चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक संबंध सुधारने के लिए वार्ता पिछले सात सालों में पहली बार आयोजित की जा रही है. ऑस्ट्रेलिया का यह प्रयास ऐसे समय में हो रहा है, जब वह भारत के साथ भी अपने आर्थिक संबंधों को तेजी से आगे बढ़ा रहा है.

वीके/सीके (रॉयटर्स)

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