असम विस्फोट मामला: NDFB प्रमुख सहित दस को उम्र कैद, हादसे में हुई थी 88 लोगों की मौत
जेल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गुवाहाटी: सीबीआई की एक विशेष अदालत ने असम में 2008 में हुए सिलसिलेवार धमाकों के मामले में 'नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड' (National Democratic Front of Boroland) के प्रमुख सहित दस दोषियों का बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई. इन विस्फोटों में 88 लोग मारे गए थे. सीबीआई (CBI) के विशेष न्यायाधीश अपरेश चक्रवर्ती ने कड़ी सुरक्षा के बीच दायमारी (Daimari), जॉर्ज बोडो (George Bodo), बी थरई (B Thirai), राजू सरकार (Raju Sarkar), अंचई बोडो, इन्द्र ब्रह्मा, लोको बासुमतारी, खरगेश्वर बासुमतारी, अजय बासुमतारी और राजन गोयारी को सजा सुनाई.

अदालत ने तीन अन्य दोषियों- प्रभात बोडो, जयंती बसुमतारी और मथुरा ब्रह्मा - पर जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि का भुगतान करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जायेगा. सीबीआई अदालत ने निलिम दायमारी और मृदुल गोयारी की रिहाई के आदेश भी दिये क्योंकि वे पहले ही अपनी सजा काट चुके हैं.

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दायमारी और 14 अन्य आरोपियों को सोमवार को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था. दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद एनडीएफबी प्रमुख की जमानत रद्द कर उसे हिरासत में ले लिया गया था जबकि 14 अन्य अभियुक्त पहले से ही न्यायिक हिरासत में थे.

गौरतलब है कि एनडीएफबी ने 30 अक्टूबर, 2008 को गुवाहाटी तथा कोकराझार में तीन-तीन, बारपेटा में दो और बोंगईगांव में एक विस्फोट किया था. इन विस्फोट में 88 लोग मारे गए थे जबकि अन्य 540 लोग घायल हो गए थे.