अरुण जेटली ने आपातकाल को लेकर लिखा फेसबुक पोस्ट, हिटलर से की इंदिरा गांधी की तुलना
अरुण जेटली ने उस समय की अपनी भूमिका के बारे में कहा कि वह आपतकाल के खिलाफ पहले सत्याग्रही थे. उन्होंने कहा, मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के एक प्रदर्शन का नेतृत्व किया
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को आपातकाल को याद करते हुए तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जर्मनी के चांसलर रहे एडोल्फ हिटलर की तुलना की है. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की सरकार ने 40 साल से अधिक समय पहले किस तरह एक गलत आपातकाल लागू किया था और लोकतंत्र को एक संवैधानिक तानाशाही में तब्दील कर दिया था.
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखते हुए कहा कि, इंदिरा गांधी की घोषित नीति के आधार पर यह एक गलत आपातकाल था, जिसे वह भारत पर थोपना चाहती थीं और उसमें सभी विरोधी आवाजों को कुचलना था. अरुण जेटली ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों का इस्तेमाल लोकतंत्र को एक संवैधानिक तानाशाही में तब्दील करने के लिए किया गया. अरुण जेटली ने आपातकाल के बारे में ‘इमरजेंसी रिविजिटेड’नाम के शीर्षक से तीन भागों वाली सीरिज फेसबुक पर लिखा है.
अरुण जेटली ने उस समय की अपनी भूमिका के बारे में कहा कि वह आपतकाल के खिलाफ पहले सत्याग्रही थे. उन्होंने कहा, मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के एक प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जहां हमने आपातकाल का पुतला फूंका और जो हो रहा था उसके खिलाफ मैंने भाषण दिया.
गौरतलब है कि आंतरिक व्यवधानों का हवाला देकर 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लागू किया गया था, जिसके तहत मौलिक अधिकार निलंबित हो गए थे. उन्होंने कहा कि 25/26 जून की आधी रात को राष्ट्रपति ने आंतरिक आपातलकाल की एक स्थिति पर एक नए घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 352 के तहत जारी घोषणा-पत्र के साथ ही एक अन्य घोषणा-पत्र अनुच्छेद 359 के तहत जारी किया गया, जिसके जरिए अनुच्छेद 14, 19, 21 और 22 के तहत मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया. ( इनपुट एजेंसी )