सीमा पर स्वदेशी शक्ति; दुश्मन पर कहर बरपाएगी ASMI मशीन पिस्टल की गोलियां; जानें इसकी खासियत

भारतीय सेना ने आत्मनिर्भर भारत की पहल को मजबूत करते हुए अपनी ताकत में एक नया और अत्याधुनिक हथियार शामिल किया है. यह हथियार है स्वदेशी ASMI मशीन पिस्टल.

Representational Image | PTI

भारतीय सेना ने आत्मनिर्भर भारत की पहल को मजबूत करते हुए अपनी ताकत में एक नया और अत्याधुनिक हथियार शामिल किया है. यह हथियार है स्वदेशी ASMI मशीन पिस्टल. सेना के नॉर्दर्न कमांड में हाल ही में 550 ASMI मशीन पिस्टल खरीदी गई हैं. इससे पहले भी 550 ऐसी गन्स सेना के लिए खरीदी जा चुकी हैं, जो भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक बड़ी सफलता है.

ASMI पिस्टल का निर्माण DRDO और कर्नल प्रसाद बंसोड़ के सहयोग से हुआ है. हैदराबाद की लोकेश मशीन कंपनी इसे बनाने का कार्य कर रही है. यह पूरी तरह स्वदेशी है और भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर उभरी है.

अस्मि मशीन पिस्टल की विशेषताएं

अस्मि एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब है गर्व, आत्मसम्मान और कड़ी मेहनत. आतंकियों और दुश्मनों के खिलाफ नजदीकी लड़ाई में यह पिस्टल बेहद प्रभावी है. इसे बनाने में 4 महीने लगे थे. इसकी कुछ खासियतें निम्नलिखित हैं:

आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सहायक

भारतीय सेना के लिए नॉर्दर्न कमांड में यह पिस्टल विशेष रूप से सहायक साबित होगी, जहां अक्सर आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन्स होते हैं. अर्बन एरिया में क्लोज कॉम्बैट के लिए यह हथियार आदर्श है, जो दुश्मनों के ठिकानों पर सटीक वार कर सकता है. इसकी छोटी साइज और लाइटवेट डिज़ाइन इसे जल्दी से स्थानांतरित करने में मदद करती है.

निर्माण और तकनीकी विशेषताएं

ASMI मशीन पिस्टल का निर्माण एल्यूमिनियम और कार्बन फाइबर से किया गया है, जिससे इसका वजन मात्र 1.80 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 14 इंच है, और बट खोलने पर यह 24 इंच हो जाती है. इतनी हल्की और मजबूत डिज़ाइन के कारण यह सैनिकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है.

ASMI मशीन पिस्टल भारतीय सेना की नई शक्ति का प्रतीक है. यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का मजबूत कदम है और देश की सुरक्षा और रक्षा उद्योग में बड़ी सफलता है. अब यह पिस्टल दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई में भारतीय सेना के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

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