India Remove Military From Maldives: मालदीव सरकार ने घोषणा की है कि भारत और मालदीव इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत अपने सैन्य कर्मियों को चरणबद्ध तरीके से हटाएगा जो वर्तमान में तीनों द्वीपीय देशों को प्रदान किए गए विमानन प्लेटफार्मों का संचालन कर रहे हैं.
समझौते के अनुसार:
- भारत 10 मार्च 2024 तक तीनों में से एक प्लेटफॉर्म पर तैनात अपने सैन्य कर्मियों को हटा देगा.
- अन्य दो प्लेटफार्मों पर तैनात सैन्य कर्मियों को भारत 10 मई 2024 तक हटा लेगा.
गौरतलब है कि मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू (Mohamed Muizzu) ने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय सैन्य कर्मियों की मौजूदगी को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने इसे देश की संप्रभुता का उल्लंघन बताया था. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत चल रही थी.
मालदीव और भारत के बीच हाल ही में संबंधों में खटास देखी गई है. इस तनाव के कई पहलू हैं, जिन पर गौर करना जरूरी है.
मुख्य मुद्दे:
मालदीव में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी: नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने "इंडिया आउट" के नारे के साथ चुनाव जीता था. वह मालदीव की धरती से भारतीय सैनिकों को हटाने की वकालत करते रहे.
Breaking: Maldives says, India, Maldives have agreed that India will replace the military personnel in one of the three aviation platforms by 10 March 2024, and will complete replacing military personnel in the other two platforms by 10 May 2024. Announcement: https://t.co/g5Lpjz8Znz pic.twitter.com/5jPBCx3pcW
— Sidhant Sibal (@sidhant) February 2, 2024
सोशल मीडिया विवाद: जनवरी 2024 में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप की खूबसूरती को बढ़ावा देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. इसके जवाब में मालदीव के कुछ मंत्रियों ने लक्षद्वीप को गंदा और बदबूदार बताकर मजाक उड़ाया. इससे सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड चला और भारतीय पर्यटकों ने मालदीव जाने की बुकिंग रद्द कर दी.
चीन का बढ़ता प्रभाव: मालदीव चीन के साथ आर्थिक और रणनीतिक संबंध मजबूत कर रहा है. इससे भारत चिंतित है, क्योंकि चीन हिंद महासागर में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है, जो भारत के लिए सुरक्षा संबंधी चुनौती हो सकती है.
प्रभाव
पर्यटन: भारत मालदीव का सबसे बड़ा पर्यटक बाजार है. हालिया तनाव से पर्यटन उद्योग प्रभावित हो सकता है, जो मालदीव की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक होगा.
सुरक्षा: हिंद महासागर में चीन का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती बन सकता है. भारत और मालदीव के बीच तनाव इस चुनौती को और बढ़ा सकता है.
क्षेत्रीय सहयोग: भारत और मालदीव लंबे समय से हिंद महासागर में सहयोग करते रहे हैं. हालिया तनाव से क्षेत्रीय सहयोग को नुकसान पहुंच सकता है.