जावेद अख्तर का सांसदों से निवेदन, कम से कम कविता पर रहम करें
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर 12 घंटे की लंबी बहस में भले ही कई लोगों का मनोरंजन हुआ हो, लेकिन गीतकार और पटकथा लेखर जावेद अख्तर का मानना है कि यह सत्र कविता का अपमान था
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर 12 घंटे की लंबी बहस में भले ही कई लोगों का मनोरंजन हुआ हो, लेकिन गीतकार और पटकथा लेखर जावेद अख्तर का मानना है कि यह सत्र कविता का अपमान था.अपने ट्विटर अकाउंट पर जावेद ने मंगलवार को लिखा, "मैं हाथ जोड़ते हुए और बेहद विनम्रता के साथ लोकसभा में सभी राजनीति पार्टियों के सभी सांसदों से निवेदन करता हूं कि वे सभी कम से कम कविता पर रहम करें. बिना किसी अपवाद के, इस 12 घंटे के सत्र के दौरान पढ़ा गया हर शेर में गलत शब्द कहे गए, उच्चारण गलत था."
लोकसभा में 12 घंटे तक चली बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने कविताओं की कुछ पंक्तियों का इस्तेमाल किया. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भगवंत मान ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नारे 'अच्छे दिन' का मजाक बनाने के लिए भी एक कविता पढ़ी थी.
मोदी सरकार के खिलाफ 20 जुलाई को लोकसभा में चली अविश्वास प्रस्ताव की बहस में सरकार और विपक्षी दलों को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए देखा गया था. बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर जोरदार हमला बोलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाया था.