OMG 2 Movie Review: 'ओएमजी 2' सेक्स एजुकेशन पर देती है सनातन हिंदू धर्म ग्रंथों का प्रमाण, ह्यूमर के साथ छेड़ती है मुद्दे की बात!

फिल्म में सेक्स एजुकेशन के मुद्दे को उठाया गया है, जो कि एक लंबी बहस छेड़ता है और उसी के सही गलत में फिल्म आगे बढ़ती रहती है. डायरेक्टर अमित राय ने फिल्म को बिना अश्लील बनाए अपनी बात कहने की कोशिश की है और काफी हद तक वे इसमें सफल भी रहे हैं.

OMG 2 Movie Review (Photo Credits: Stock Images)

OMG 2 Movie Review: 'ओम माय गॉड 2' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है, फिल्म में अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम प्रमुख भूमिकाओं में हैं. अमित राय द्वारा डायरेक्टेड यह फिल्म साल 2012 में रिलीज हुई 'ओह माय गॉड' का सीक्वल है. 'ओएमजी 2' भगवान शिव के भक्त कांति शरण मुगदल की कहानी है, जिसके साथ ऐसी घटना घटती है कि पूरा परिवार परेशानी में पड़ जाता है. मैं आज भी गांव में लुंगी पहनकर घूमता हूं, पहुंचते ही खुल जाती हैं चाय की दुकानें: Pankaj Tripathi

फिल्म की कहानी शुरु होती है कांति शरण मुगदल (Pankaj Tripathi) से जो भगवान भोलेनाथ का भक्त है, जिसकी महाकाल मंदिर के पास प्रसाद की दुकान है. कांति शरण के परिवार में पत्नी और एक बेटा और एक बेटी है. खुशहाल जीवन जी रहे हैं, पर एक दिन उसके बेटे विवेक का हस्थमैथुन करने का वीडियो लीक हो जाता है और उसे स्कूल से निकाल दिया जाता है. अब इस परिवार को चारो तरफ से धुतकारा जाता है. मुसीबत की इस घड़ी में कांति शरण भोलेनाथ को सहायता के लिए स्मरण करता है और शिव के दूत के रुप में अक्षय कुमार की फिल्म में एंट्री होती है. अब इसके बाद फिल्म में क्या होता है और दुतकारे गए परिवार को क्या वापस सम्मान मिल पाएगा? जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.

देखें ट्रेलर:

पंकज त्रिपाठी पहले भी कई सारी फिल्मों में सामान्य नागरिक का किरदार निभा चुके हैं, यह भी कुछ बदलाव के साथ उसी तरह का किरदार है. उन्होंने अपनी सरलता से फिल्म में जान फूंकी है और देखा जाए तो पूरी फिल्म पंकज त्रिपाठी के ही कंधों पर ही टिकी है और इस जिम्मेदारी को उन्होंने बाखूबी निभाने की कोशिश की है. अक्षय कुमार फिल्म में बीच-बीच में दिखाई देते हैं और पंकज त्रिपाठी को उचित सलाह देकर अपनी मस्ती में डूबे दिखते हैं. वे 'मैं निकला गड्डी लेके' जैसे गाने भी गुनगुनाते रहते हैं. हर हर महादेव गाना अक्षय कुमार पर फिल्माया गया है, जिसमें वे काफी जजे हैं. साथ ही उन पर फिल्माए गए वन लाइनर्स उन पर सूट करते हैं. साथ ही शिव तांडव में भी उन्होंने अपना बेहतरी देने की कोशिश की है. यामी गौतम ने एक वकील का किरदार बाखूबी निभाया है. उनकी डायलॉग डिलीवरी और इमोशन्स आपको इम्प्रेस करेंगे. बाकी पसोपर्टिंग कास्ट फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाते हैं.

अब बात आती है फिल्म की अहम कड़ी की. फिल्म में सेक्स एजुकेशन के मुद्दे को उठाया गया है, जो कि एक लंबी बहस छेड़ता है और उसी के सही गलत में फिल्म आगे बढ़ती रहती है. डायरेक्टर अमित राय ने फिल्म को बिना अश्लील बनाए ह्यूमर के साथ अपनी बात कहने की कोशिश की है और काफी हद तक वे इसमें सफल भी रहे हैं. निश्चत रूप से इस तरह के मुद्दों पर बातें होनी चाहिए और बात छेड़ने के लिए फिल्में एक बड़ा साधन हो सकती हैं. कहते हैं न, बात करने से ही बात बनती है. बातें होंगी तो समाधान भी निकलेंगे. साथ ही फिल्म में सेक्स एजुकेशन के लिए सनातन हिंदू धर्म ग्रथों को सहायक के तौर पर जोड़ा गया है, जो बातों को प्रमाणिक बनाते हैं.

फिल्म का मुद्दा सही है, स्टार कास्ट सही है, पर कई जगह पर फिल्म में इमोशन्स की कमी देखी गई, जोकि फिल्म के प्रति जुड़ाव को कम करती है. फिल्म में अक्षय कुमार द्वारा दिया गया ज्ञान कांति शरण को तुरंत समझ में आ ताजा है, यह थोड़ा खलता है. इसमें और गहरे भावों की जरूरत थी. जब खुद भगवान कृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे थे, तब भी अर्जुन के मन में कई सवाल कूंद रहे थे और वे लगातार पूछ रहे थे. फिर सामान्य नागरिक के लिए सारा ज्ञान फटाफट कैसे समझ में आ जाता जाएगा? इसके अलावा फिल्म की एडटिंग में भी और काम करने की आवश्यक्ता थी, फिल्म के कुछ सीन्स में लिपसिंग मैच नहीं खाती.

फिल्म सीक्वल है तो लोग इसे पहली वाली ओएमजी से जोड़कर देखने की कोशिश करेंगे, पर आप ऐसा बिलकुल भी मत करना, नहीं तो आपको निराशा हाथ लग सकती है. क्योंकि फिल्म में पहली वाली ओएमजी से कोई खास कनेक्शन नहीं है साथ ही, दोनों फिल्मों के मुद्दे भी बिलकुल अलग हैं. 'ओएमजी 2' को खासकर पैरेट्स को देखने की जरुरत है, ताकि वे अपने बच्चों की भावनाओं को समझ सकें और उन्हें गलत कार्यों में फंसने से बचा सकें.

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