कोलकाता, दो फरवरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दावा किया कि सरकारी धन के उपयोग को लेकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट ‘गलत जानकारी से भरी’ है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में खामियों से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कैग रिपोर्ट के कथित निष्कर्षों के आधार पर पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर लगभग दो लाख करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए उसे ‘सभी घोटालों की जननी’ करार दिया था।
कैग रिपोर्ट को खारिज करते हुए ममता ने इसे ‘झूठ और अशुद्धियों से भरा हुआ’ करार दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। इस रिपोर्ट के आधार पर भाजपा तृणमूल सरकार पर निशाना साध रही है और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मामले की जांच करने का आह्वान किया है। हमने ध्यानपूर्वक सभी उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा कर दिए हैं। इसलिए, यह दावा सुनना भ्रमित करने वाला है कि ऐसा दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं कराया गया था। यह चिंताजनक है कि कैग कार्यालय इस तरह के गलत दावे कर सकता है।’’
ममता ने यह टिप्पणी विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए केंद्र से राज्य की बकाया राशि जारी करने की मांग को लेकर शुक्रवार दोपहर को शुरू धरने के दौरान की।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमने 2011 में सत्ता संभालने के बाद से केंद्रीय धन के व्यय के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रदान किए हैं। हमें अपने कार्यकाल से पहले के कार्यों के लिए जवाबदेह क्यों ठहराया जाना चाहिए, खासकर वाम शासन के दौरान के लिए?’’
ममता ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में सम्यक तत्परता की कमी और उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने के लिए प्रक्रियात्मक मानदंडों के पालन में विफलता के लिए कैग रिपोर्ट की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी त्रृटिपूर्ण रिपोर्ट भ्रामक तस्वीर पेश करती हैं और दुर्भाग्य से कुछ लोगों द्वारा राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था के खिलाफ झूठे प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।’’
मुख्यमंत्री ने लिखा, ‘‘इसके अलावा लेखा परीक्षण रिपोर्ट 2002-03 से 2020-2021 तक की अवधि की प्रतीत होती है। हालांकि, कैग हर साल लेखा परीक्षण करता है और यह स्पष्ट नहीं है कि पिछले 20 वर्षों में इसे क्यों नहीं उठाया गया।’’
केंद्र से राज्य का बकाया जारी करने में प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की अपील करते हुए ममता ने कहा कि राज्य को निराधार और गलत आधार पर धन के अपने उचित हिस्से से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में पेश 2024-25 के अंतरिम बजट को उसका ‘अंतिम’ बजट करार देते हुए ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि इस साल होने वाले आम चुनाव में सत्तारूढ़ दल हार का स्वाद चखेगा।
ममता ने कहा, ‘‘यह अंतरिम बजट नहीं, बल्कि ‘अंतिम’ बजट है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (केंद्र ने) सब्सिडी कम कर दी है। खाद्य मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत के साथ अपने चरम पर है। किसानों या गरीब व्यक्तियों के लिए कोई प्रावधान नहीं हैं। जनता माकूल जवाब देगी।’’
ममता ने कहा कि वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर होने वाली एक बैठक के लिए नयी दिल्ली जाने वाली हैं और इसके मद्देनजर अगले दो दिनों तक धरनास्थल पर रहेंगी। उन्होंने साथ ही देश को सरकार की राष्ट्रपति प्रणाली में परिवर्तित करने के कथित एजेंडे के लिए भाजपा की आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारत जैसा विविधतापूर्ण देश एक-चुनाव मॉडल कैसे अपना सकता है, जबकि कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अब भी बचा हुआ है? यह धारणा बेतुकी है। भाजपा का लक्ष्य देश को राष्ट्रपति प्रणाली की ओर ले जाना है।’’
ममता बनर्जी के मंगलवार की रात को दिल्ली के लिए रवाना होने की संभावना है।
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