विदेश की खबरें | सर्दी में क्यों होती है जुकाम होने की अधिक संभावना, सार्वजनिक स्वास्थ्य नर्स ने बताए कारण
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

वेस्ट लाफायेट (अमेरिका), 13 दिसंबर (द कन्वरसेशन) आपने लोगों को सर्दी में यह कहते हुए सुना होगा कि “गीले बालों के साथ या कोट पहने बिना बाहर मत जाओ वरना आपको जुकाम हो जाएगा।”

यह पूरी तरह सच नहीं है। सच्चाई बहुत जटिल है। अंतर यह है: ठंड लगने के कारण आपको जुकाम नहीं होता। लेकिन यह सच है कि ठंडे मौसम में सर्दी-जुकाम और फ्लू से संबंधित वायरस का संक्रमण ज्यादा फैलता है।

शोध से यह भी पता चलता है कि कम तापमान होने पर कोविड-19 का अधिक खतरा होता है।

नर्सिंग के प्रोफेसर के रूप में, मुझसे अक्सर संक्रामक रोग फैलने के बारे में पूछा जाता है, जिसमें सर्दी और जुकाम लगने के बीच का संबंध से जुड़ा सवाल भी शामिल है। तो आइए जानते हैं कि वास्तव में क्या होता है।

सामान्य जुकाम के लिए जिम्मेदार राइनोवायरस और इंफ्लुएंजा व सार्स-कोव-2 समेत कई वायरस ठंडे तापमान और कम आर्द्रता होने पर लंबे समय तक संक्रामक बने रहते हैं और तेजी से फैलते हैं। इसके साथ ही यह तथ्य भी है कि ठंड के मौसम में लोग घर के अंदर अधिक समय बिताते हैं तथा दूसरों के साथ निकट संपर्क में रहते हैं, जो कि रोगाणुओं के फैलने की अधिक सामान्य कारण हैं।

सर्दी के मौसम में फ्लू और रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (आरएसवी) का फैलना निश्चित होता है। हालांकि, कोविड-19 सामान्य ठंड के मौसम में फैलने वाला श्वसन वायरस नहीं है। उदाहरण के तौर पर, 2020 के बाद से हर बार गर्मी में कोविड-19 संक्रमण दर बढ़ी है।

ठंड के मौसम में वायरस का संक्रमण आसानी से फैलता

ठंड का मौसम इन्फ्लूएंजा वायरस की बाहरी झिल्ली को बदल सकता है, जिससे यह अधिक ठोस और रबड़ जैसा हो जाता है। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि रबड़ जैसी कोटिंग वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण को आसान बनाती है।

समस्या का कारण सिर्फ सर्दियों की ठंडी हवा ही नहीं है। ठंडी और शुष्क हवा को भी फ्लू के प्रकोप से जोड़ा गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शुष्क शीतकालीन हवा इन्फ्लूएंजा वायरस को लंबे समय तक संक्रामक बने रहने में मदद करती है। शुष्क हवा सर्दियों में आम बात है, छींक की बूंदों में मौजूद पानी अधिक तेजी से निकलता है। इसके परिणामस्वरूप छोटे कण बनते हैं, जो लंबे समय तक टिके रह सकते हैं और आपके खांसने या छींकने के बाद दूर तक जा सकते हैं।

ठंड के मौसम में आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली किस तरह प्रतिक्रिया करती है, यह भी बहुत मायने रखता है। ठंडी हवा में सांस लेने से आपके श्वसन मार्ग में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे वायरस के लिए टिके रहना आसान हो जाता है। इसीलिए नाक और मुंह पर स्कार्फ बांधने से सर्दी से बचाव में मदद मिल सकती है, क्योंकि इससे सांस के जरिए अंदर जाने वाली हवा गर्म हो जाती है।

इसके अलावा, ज्यादातर लोगों को सर्दियों में कम धूप मिलती है। यह एक समस्या है क्योंकि सूरज विटामिन डी का एक प्रमुख स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। शारीरिक गतिविधि, एक अन्य कारक है सर्दी के दौरान कम हो जाती है। बर्फीली परिस्थितियों में लोगों के व्यायाम को टालने की संभावना तीन गुना अधिक होती है।

इसके बजाय, लोग अधिकतर समय घर के अंदर बिताते हैं। इसका मतलब आमतौर पर दूसरों के साथ ज्यादा नजदीकी संपर्क होता है, जिससे बीमारी फैलती है। श्वसन वायरस आम तौर पर संक्रमित व्यक्ति के छह फुट के दायरे में फैलते हैं।

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