देश की खबरें | कौन पुष्टि करेगा कि किसान पराली जाने में संलिप्त हैं या नहीं : उच्चतम न्यायालय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पूछा कि कौन पुष्टि करेगा कि किसान पराली जलाने में संलिप्त हैं अथवा नहीं। न्यायालय के समक्ष एक सुझाव दिया गया था कि पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तभी भुगतान किया जाना चाहिए जब सुनिश्चित हो जाए कि किसान ने पराली नहीं जलाई है। पराली का दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण में काफी योगदान होता है।
नयी दिल्ली, छह अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पूछा कि कौन पुष्टि करेगा कि किसान पराली जलाने में संलिप्त हैं अथवा नहीं। न्यायालय के समक्ष एक सुझाव दिया गया था कि पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तभी भुगतान किया जाना चाहिए जब सुनिश्चित हो जाए कि किसान ने पराली नहीं जलाई है। पराली का दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण में काफी योगदान होता है।
केंद्र ने भी इस सुझाव का भी विरोध किया और कहा कि एमएसपी के साथ ‘‘छेड़छाड़’’ किसानों के हित में नहीं हो सकता है।
प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा, ‘‘कौन निरीक्षण और सत्यापन करने जा रहा है कि किसान पराली जलाने में संलिप्त है अथवा नहीं।’’
पीठ मामले में पेश हुए एक वकील की बात से भी सहमत हुआ कि इस तरह की पुष्टि के लिए एमएसपी को रोकना ज्यादा समस्या पैदा कर सकता है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकता है।
उच्चतम न्यायालय प्रदूषण मामले की सुनवाई कर रहा है जिसमें पराली जलाने सहित कई पहलू शामिल हैं।
सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने वरिष्ठ वकील के श्याम दीवान के एमएसपी संबंधी सुझाव का विरोध किया।
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