देश की खबरें | युद्ध का क्षेत्र चाहे जो भी हो, जीत या हार का फैसला जमीन पर ही होगा: सैन्य कमांडर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सेना के एक कमांडर ने शनिवार को कहा कि युद्ध चाहे किसी भी क्षेत्र में हो, जीत या हार का फैसला जमीन पर ही होगा और रूस-यूक्रेन युद्ध ने इस बात को फिर साबित कर दिया है।
नयी दिल्ली, 11 जनवरी सेना के एक कमांडर ने शनिवार को कहा कि युद्ध चाहे किसी भी क्षेत्र में हो, जीत या हार का फैसला जमीन पर ही होगा और रूस-यूक्रेन युद्ध ने इस बात को फिर साबित कर दिया है।
पश्चिमी कमान के ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ’ लेफ्टिनेंट जनरल एम के कटियार ने यहां एक अलंकरण समारोह में अपने संबोधन में किसी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘‘क्योंकि उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर हमारे विवाद जमीन से जुड़े हैं, इसलिए हमारे लिए जमीन पर जीत हासिल करना और भी जरूरी हो जाता है।”
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी सेना के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। दुनिया में इस समय दो बड़े युद्ध चल रहे हैं और ये लंबे समय से जारी हैं। कई देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन युद्धों से जुड़े हुए हैं।’’
सेना के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकायों के प्रयासों के बावजूद ये युद्ध समाप्त नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज की स्थिति उन देशों को प्रोत्साहित करती है जो बल प्रयोग या लड़ाई के माध्यम से विवादों को सुलझाना चाहते हैं।
कटियार ने कहा, ‘‘हमें अपनी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर पूरी तरह सतर्क रहना होगा। इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि किसी भी युद्ध के लिए हमारी तैयारियों में कोई कमी न रहे। अच्छा प्रशिक्षण, अच्छे हथियार और प्रौद्योगिकी का समावेश बहुत जरूरी है।’’
दिल्ली छावनी स्थित करिअप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित पश्चिमी कमान के अलंकरण समारोह के दौरान एक परेड भी आयोजित की गई।
लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने कहा, ‘‘ये (परेड) साफ तौर पर दिखाती है कि हमारी सेना पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार है। जब आप 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर मार्च करेंगे, तो हमारे देशवासियों का हमारी सेना पर और देश की रक्षा करने की हमारी सशस्त्र सेनाओं की क्षमता पर विश्वास और भी बढ़ेगा।’’
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रौद्योगिकी युद्ध की प्रकृति को बदल रही है और आज यह परिवर्तन ‘‘बहुत तेज गति’’ से हो रहा है और यह जरूरी है कि ‘‘हम अपनी मानसिकता भी बदलें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पिछले युद्धों से सीखना चाहिए और भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहना चाहिए। युद्ध की प्रकृति में परिवर्तन ने युद्ध के दायरे को भी बदल दिया है। संचालन का क्षेत्र बढ़ रहा है। भविष्य की जंग केवल युद्ध के मैदानों तक सीमित नहीं रहेगी। इसका प्रभाव युद्ध के मैदान से परे भी होगा।’’
सैन्य कमांडर ने कहा कि युद्ध के क्षेत्र का दायरा भी बढ़ गया है और जल, भूमि, वायु और अंतरिक्ष के अलावा साइबर, इलेक्ट्रॉनिक और नेटवर्क क्षेत्रों में भी युद्ध होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, युद्ध चाहे कहीं भी हो, हवा में हो या समुद्र में, हार-जीत का फैसला जमीन पर ही होगा। यह बात रूस-यूक्रेन युद्ध ने फिर साबित कर दी है। जमीन पर जीत हासिल करके ही हम अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे। और क्योंकि उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर हमारे विवाद जमीन से जुड़े हैं, इसलिए हमारे लिए जमीन पर जीत हासिल करना और भी जरूरी हो जाता है।’’
कटियार ने कहा कि चाहे वह बाहरी हो या आंतरिक, ‘‘हमारी सेना ने हमेशा देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सेना की ताकत इसकी एकता और धर्मनिरपेक्ष लोकाचार में भी निहित है क्योंकि विभिन्न पृष्ठभूमि, संस्कृतियों और धर्मों के लोग एक साथ मिलकर ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ एक बल के रूप में देश की सेवा करते हैं।
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