5 दिन की रिमांड पर भेजे गए संजय सिंह के वकील ने क्या दलीलें दी

प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को 'आप' के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के घर छापा मारा.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को 'आप' के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के घर छापा मारा. फिर शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.'आप' नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पांच दिनों की रिमांड पर भेजा है. एक दिन पहले बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सिंह के छापा मारकर उनसे 10 घंटे पूछताछ की थी और फिर उन्हें गिरफ्तार किया था. संजय सिंह के खिलाफ दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच हो रही है.

गुरुवार को संजय सिंह को अदालत में पेश किया गया, जहां जज एमके नागपाल ने उन्हें पूछताछ के लिए ED की हिरासत में भेजा है. सिंह 10 अक्टूबर तक ED की कस्टडी में रहेंगे. ED ने कोर्ट में 10 दिनों की हिरासत की मांग की थी. ED का तर्क था कि डिजिटल सुबूतों और आगे की जांच के लिए सिंह से पूछताछ आवश्यक है.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील नवीन कुमार मट्टा ने दलील दी, "आबकारी नीति घोटाला केस में एक आरोपी दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह के घर पर दो करोड़ रुपये दिए थे. दिनेश अरोड़ा ने इस बात की पुष्टि की है. हमने ऐसे कागजात जब्त किए हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं."

संजय सिंह के वकील मोहित माथुर ने दलील दी, "अरोड़ा अपना बयान कई बार बदल चुके हैं. जमानत मिलने के बाद उन्होंने फिर अपना बयान बदला है. अब ED ने उन्हें सरकारी गवाह बना लिया है. अरोड़ा ED के इशारे पर बयान बदल रहे हैं."

बुधवार को हुई थी गिरफ्तारी

संजय सिंह को बुधवार शाम प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था. बुधवार सुबह ही ED ने संजय सिंह के घर पर छापेमारी की थी. इसके बाद सिंह से कई घंटों तक पूछताछ की गई और फिर गिरफ्तार कर लिया गया.

इससे पहले आम आदमी पार्टी के दो नेता सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और फिलहाल जेल में बंद हैं.

समाचार एजेंसियों ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि जिस मामले में संजय सिंह के घर छापेमारी हुई, वह दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संजय सिंह से इस मामले में 10 घंटों तक पूछताछ की गई.

ED ने दावा किया है कि व्यापारी दिनेश अरोड़ा ने एजेंसी को बताया कि शुरुआत में वह संजय सिंह से मिले थे. फिर उन्हीं के जरिए बाद में वह मनीष सिसोदिया से मिले थे.

क्या है कथित शराब घोटाला

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने साल 2020 में नई शराब नीति का प्रस्ताव रखा था. फिर अगले साल 17 नवंबर 2021 को यह नई नीति लागू कर दी गई.

दिल्ली में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी का आरोप है कि 'आप' सरकार घूस और कमीशन के बदले अपने लोगों को बेजा फायदा दे रही थी. 30 जुलाई 2022 को दिल्ली की सरकार ने नई आबकारी नीति वापस लेने का एलान किया.

'आप' की प्रतिक्रिया

संजय सिंह के घर पर छापे के बाद 'आप' नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में शराब से जुड़ी नीति को लेकर पिछले 15 महीनों से अदालत में केस चल रहा है, लेकिन सरकारी एजेंसियों को अभी तक कोई सुबूत नहीं मिला है.

भारद्वाज के मुताबिक जांच एजेंसियां हजार से ज्यादा जगह छापेमारी कर चुकी हैं और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त कर चुकी हैं. उन्होंने कहा, "लेन-देन का लिंक खोजने की कोशिश की गई, लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला. बीजेपी और मोदी को लग रहा है कि उनकी सरकार जा रही है. इसलिए पार्टी हताश होकर आखिरी में यह सब कर रही है".

इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "बताया जा रहा है कि एक हजार से ज्यादा रेड हो चुकी हैं और अभी तक इन्हें एक भी रुपया नहीं मिला है. कहीं कोई रिकवरी नहीं हुई. कभी क्लासरूम में घोटाले का आरोप लगाते हैं. कभी बस खरीदी में घोटाले का आरोप लगाते हैं. पिछले एक साल से यह शराब का घोटाला चल रहा है. अभी तक तो कुछ मिला नहीं है. संजय सिंह के यहां भी कुछ नहीं मिलने वाला है. यह हारने की निराशा की निशानी है."

बीजेपी का प्रदर्शन

बुधवार सुबह जब ED की टीम संजय सिंह के घर छापा मारने पहुंची, तो बीजेपी सांसद मनोज तिवारी समेत कई बीजेपी कार्यकर्ता 'आप' मुख्यालय पहुंच गए. यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की. समाचार एजेंसियों के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया.

मीडिया से बातचीत में तिवारी ने कहा, "संजय सिंह का मामला तो हमें यहीं आकर पता चला. जब हम प्रोटेस्ट में आ रहे थे, तब पता चला कि संजय सिंह के यहां भी छापा पड़ा है. सर्च क्यों हो रहा है, यह देश के लिए जानना इंट्रेस्टिंग है. हम जिन मामलों में अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मांगने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं, वह है कि सत्येंद्र जैन 15 महीने से जेल में हैं. कोर्ट कह रहा है कि बेल नहीं मिल सकती. यह अपराधी हैं. मनीष सिसोदिया सालभर से जेल में हैं. कोर्ट कह रहा है कि इन्हें बेल नहीं मिल सकती, क्योंकि दोष है. अरविंद केजरीवाल इन दोस्तों को तरह-तरह से बचाने में लगे हैं और दिल्ली का विकास ध्वस्त हुआ है."

वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "हम पहले दिन से कहते आ रहे थे कि इन्होंने दिल्ली की जनता को लूटा है और शराब घोटाले की आड़ में करोड़ों रुपये कमाए हैं. संजय सिंह का नाम इस चार्जशीट में पहले से था. कल जब इस घोटाले के मुख्य अभियुक्त दिनेश अरोड़ा और YSR नेता राघव रेड्डी ने सरकारी गवाह बनने की ठानी, तब से यह तय है कि अरविंद केजरीवाल और उनके सभी साथी, जो शराब घोटाले में लिप्त हैं, सबके चेहरे बेनकाब होंगे और ये सभी अपराधी जल्द अपने सही ठिकाने पर होंगे."

अन्य दलों से भी आई प्रतिक्रिया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संजय सिंह के घर पर छापेमारी की निंदा की है. मीडिया से बातचीत में दिग्विजय सिंह बोले, "मैं इसकी बहुत निंदा करता हूं. संजय सिंह के यहां भी छापा मारा गया है. यह वैमनस्यता का परिणाम है. हम इसकी घोर निंदा करते हैं."

इससे पहले RJD नेता और राज्य सभा सांसद मनोज झा ने भी सिंह के घर पर छापे पर बयान दिया. उन्होंने कहा, "दुख अवश्य होता है, लेकिन आश्चर्य नहीं हुआ. अब यह सिलसिला चुनाव तक चलेगा. प्रधानमंत्री और अमित शाह की टीम ने एलान कर दिया है. अब आप यही करेंगे, लेकिन एक बात बता दें कि हांडी भर चुकी है. फूटने वाली है, लेकिन आपने इन संस्थानों का चरित्र खराब किया है."

वीएस/ओएसजे (एजेंसियां)

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