देश की खबरें | प.बंगाल विधानसभा ने राज्य को विभाजित करने के प्रयास के खिलाफ प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया

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कोलकाता, पांच अगस्त पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य को विभाजित करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ एक प्रस्ताव सोमवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस प्रस्ताव पर एकमत दिखीं, जो कि दुर्लभ है।

भाजपा पर पश्चिम बंगाल के विभाजन की मांग को हवा देने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह राज्य के विभाजन के विचार के खिलाफ है। उसने कहा है कि दरअसल वह पश्चिम बंगाल का, खासकर उत्तरी जिलों का विकास चाहती है।

प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “हम सहकारी संघवाद में यकीन करते हैं। हम राज्य को विभाजित करने की किसी भी कोशिश के खिलाफ हैं।”

उन्होंने कहा, “बंगाल ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। बंगाल की संस्कृति और विरासत पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है... आइए हम उत्तरी पश्चिम बंगाल के विकास के लिए साथ मिलकर काम करें। क्षेत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को केवल उत्तर बंगाल विकास विभाग को आवंटित राशि से न आंकें।”

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने प्रस्ताव में यह पंक्ति शामिल करने का प्रस्ताव रखा कि “हम संयुक्त पश्चिम बंगाल का समग्र विकास चाहते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा, “हम पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की किसी भी कोशिश का विरोध करते हैं। लेकिन यहां जो प्रस्ताव पेश किया गया, वह किसी राजनीतिक दल का पर्चा ज्यादा लगता है। हमें लगता है कि जो पंक्ति बताई थी, अगर उसे इसमें शामिल कर लिया जाए, तो यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो सकता है।”

ममता ने शुभेंदु के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया।

उत्तरी पश्चिम बंगाल को मिलाते हुए एक अलग केंद्र-शासित प्रदेश बनाने की विभिन्न तबकों की मांग के बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नियम 185 के तहत सदन में प्रस्ताव पेश किया।

केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार द्वारा उत्तरी पश्चिम बंगाल को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अधीन शामिल करने का प्रस्ताव देने के बाद भाजपा से राज्यसभा सांसद अनंत महाराज ने अलग कूच बिहार राज्य की मांग उठाई।

कई भाजपा नेताओं ने खुले तौर पर उत्तर बंगाल को अलग केंद्र-शासित प्रदेश बनाने की मांग की है।

शुभेंदु ने सफाई दी कि मजूमदार ने कभी भी पश्चिम बंगाल के विभाजन के पक्ष में कुछ नहीं कहा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “उन्होंने (सुकांत मजूमदार) कभी भी राज्य को विभाजित करने के बारे में नहीं कहा। उन्होंने उत्तरी पश्चिम बंगाल के विकास के लिए धनराशि के बारे में बात की थी। अगर संविधान में संशोधन से क्षेत्र के लिए अधिक धन आएगा, तो उत्तर बंगाल विकास विभाग के पास अधिक धन होगा।”

शुभेंदु ने अलग कूच बिहार राज्य की मांग के कट्टर समर्थक अनंत महाराज से मुलाकात को लेकर ममता पर निशाना साधा।

इस पर ममता ने पलटवार किया और कहा, “अनंत महाराज से मिलने में क्या दिक्कत है? उन्होंने मुझे चाय पर बुलाया था। आप (शुभेंदु अधिकारी) भी मुझे चाय पर अपने घर बुला सकते हैं और मैं आऊंगी।”

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य को विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ पिछले साल फरवरी में भी ध्वनि मत से इसी तरह का प्रस्ताव पारित किया था।

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