देश की खबरें | लोजपा बंटवारे के बाद बिहार के पहले दौरे पर पहुंचे चिराग पासवान का जोरदार स्वागत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में टूट के बाद अपने दिवंगत पिता और दलित नेता रामविलास पासवान की विरासत पर अपना दावा कायम रखने के लिए संघर्षरत चिराग पासवान का सोमवार को यहां पहुंचने पर उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।

पटना, पांच जुलाई लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में टूट के बाद अपने दिवंगत पिता और दलित नेता रामविलास पासवान की विरासत पर अपना दावा कायम रखने के लिए संघर्षरत चिराग पासवान का सोमवार को यहां पहुंचने पर उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।

कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सामाजिक दूरी सहित अन्य मानदंडों का पालन किए जाने के आदेश के बावजूद जमुई के युवा सांसद चिराग पासवान के समर्थक भारी संख्या में उनका स्वागत करने पटना हवाई अड्डे पहुंचे थे।

पशुपति कुमार पारस, अपने भतीजे के विरोधी लोजपा के सांसदों के समर्थन से चिराग को हटाकर स्वयं लोकसभा में पार्टी के नेता के पद पर आसीन हो गए थे । उसके बाद अपने गुट द्वारा पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किए जाने पर उन्होंने यहां लोजपा राज्य मुख्यालय में दिवंगत नेता रामविलास पासवान कह जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। साथ ही उन्होंने पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष रामविलास पासवान के लिए भारत रत्न पुरस्कार की मांग की थी।

पारस इस समय हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं जिसका पूर्व में कई बार उनके दिवंगत भाई प्रतिनिधित्व कर चुके थे । उन्होंने यहां पासवान की जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह की अध्यक्षता करते हुए दोहराया था कि उनका भतीजा भटक गया था और उन्हें अलग होने के लिए मजबूर किया ।

चिराग हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से ‘‘आशीर्वाद यात्रा’’ की शुरूआत करने सोमवार को दिल्ली से पटना पहुंचे तो हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही उनके समर्थकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच फूल मालाओं से उनका स्वागत किया।

पटना उच्च न्यायालय की ओर जाने वाली सड़कें कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों सुनसान दिखती हैं क्योंकि अदालती कामकाज वर्चुअल माध्यम से हो रहा है लेकिन 38 वर्षीय नेता चिराग के आगमन पर ये सड़कें जाम हो गईं । चिराग नीली पगड़ी पहन कर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए वहां जा रहे थे।

शहर में अपने घर पर कुछ देर रूकने के बाद चिराग, जिन्हें चाचा पारस के बागी हो जाने पर अपने पिता के उत्तराधिकारी के तौर पर मान्यता पाने के लिए संघर्ष करना पड रहा है, अपनी ‘‘आशीर्वाद यात्रा’’ की शुरूआत करने हाजीपुर के लिए रवाना हो गए । हाजीपुर उनके पिता की कर्मभूमि रही है जो बिहार से निकले अपनी पीढ़ी के एक सबसे बड़े दलित नेता थे,

इससे पूर्व नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पटना के लिए रवाना होने से पहले, चिराग ने अपने पिता को याद करते हुए कई ट्वीट किए और उन्होंने कहा, ‘‘हार नहीं मानूंगा, मैं हार नहीं मानूंगा’’।

उधर, सर्वसम्मति से अलग हुए गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए पारस बेफिक्र दिखे। पारस ने कहा, ‘‘हमारा रुख स्पष्ट है कि हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हैं जिसमें भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू शामिल है। यह चिराग है जिसे स्पष्टता की आवश्यकता है कि वह किस राजनीतिक मार्ग का अनुसरण करना चाहता है।’’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू , दिवंगत नेता की जयंती के अवसर पर इस शक्ति प्रदर्शन पर चुप्पी साधे हुए है ।

चिराग के कई अवसर पर स्वयं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘‘हनुमान’’ कहे जाने के बावजूद उनको लेकर भाजपा की चुप्पी पर हालांकि विपक्ष लगातार प्रहार करता रहा है, पर ऐसी अटकलें लगायी जाती रही है कि भगवा पार्टी ने चिराग को खुले तौर पर खारिज नहीं किया है । हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा लोजपा के पारस गुट को मान्यता दिए जाने को इस रूप में देखा जा रहा है कि भाजपा को प्रतिद्वंद्वी खेमे के साथ संबंध रखने में भी कोई गुरेज नहीं है।

भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद, जो इसकी राज्य इकाई के प्रवक्ता भी हैं, ने चिराग के अपने पिता को लेकर किए गए ट्वीट को टैग करते हुए व्यक्तिगत तौर पर ट्वीट कर कहा, ‘‘आमतौर पर हर बेटा अपने महान पिता की छाया मात्र होता है। रामविलास पासवान जी की जयंती पर व्यक्तिगत शुभकामनाएं कि आप उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के अपने प्रयासों में सफल हों। मेरी व्यक्तिगत संवेदनाएं आपके साथ हैं।’’

इस बीच दिवंगत नेता पासवान अपनी मृत्यु के बाद भी बिहार में एक राजनीतिक हॉट केक बने हुए हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा उन्हें दी गई समृद्ध श्रद्धांजलि से यह स्पष्ट है ।

प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के नेता और लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव , पहले ही चिराग को दिवंगत पासवान और अपने पिता लालू प्रसाद के बीच घनिष्ठ संबंधों की याद दिलाते हुए विपक्षी महागठबंधन में शामिल होने का परोक्ष रूप से न्योता दे चुके हैं ।

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