देश की खबरें | केदारनाथ उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान, कांग्रेस-भाजपा में सीधा मुकाबला

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान होगा जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस का सीधा मुकाबला है।

देहरादून, 19 नवंबर उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान होगा जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस का सीधा मुकाबला है।

भाजपा के सामने जहां इस सीट पर जीत को बरकरार रखने की चुनौती है वहीं कांग्रेस बद्रीनाथ के बाद केदारनाथ में भाजपा को फिर पटखनी देने के मूड में है।

उपचुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम समाप्त हो गया लेकिन उससे पहले करीब एक पखवाड़े के प्रचार के दौरान दोनों दलों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने के लिए पूरा जोर लगा दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पौड़ी गढ़वाल सीट से लोकसभा सांसद अनिल बलूनी, भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, राज्यसभा सदस्य और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र भटट, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विधानसभा क्षेत्र का कई बार दौरा किया और भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल के लिए समर्थन मांगा ।

क्षेत्र में चुनावी सभाएं करने के अलावा धामी ने पार्टी के पक्ष में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए दो मोटरसाइकिल रैलियां भी निकालीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केदारनाथ के प्रति लगाव और उनके पद संभालने के बाद से वहां जारी करीब 2000 करोड़ रुपये के पुनर्निर्माण और विकास कार्य भाजपा की तरफ से प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा। भाजपा विधायक शैलारानी रावत का इस वर्ष जुलाई में निधन हो जाने से केदारनाथ विधानसभा सीट रिक्त हो गई जिसके कारण उपचुनाव जरूरी है।

भाजपा नेता चुनाव प्रचार के लिए जहां भी गए, उन्होंने मोदी के केदारनाथ के प्रति आस्था की बात की। धामी ने एक चुनावी सभा में कहा, ‘‘मोदीजी से पहले कोई प्रधानमंत्री केदारनाथ नहीं आया। पद संभालने के बाद वह सात बार बाबा केदार के यहां आ चुके हैं। उनके प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद ही केदारपुरी में भव्य स्तर पर पुननिर्माण कार्य शुरू हुए।’’

इसके अलावा, भाजपा ने मतदाताओं के सामने प्रदेश में उसकी सरकार द्वारा जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून, भूमि जिहाद पर सख्त कार्रवाई और समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी सख्त कानून जैसे उठाए गए कदमों को भी गिनाया।

वहीं, लोकसभा चुनावों में भाजपा से पांच-शून्य से मात खाने के बाद जुलाई में प्रदेश में हुए बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनावों में जीत दर्ज करने से उत्साहित कांग्रेस केदारनाथ में अपना विजयी प्रदर्शन जारी रखने को लेकर आशान्वित है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष करन माहरा, उनके पूर्ववर्ती गणेश गोदियाल, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने पत्रकार से नेता बने पार्टी प्रत्याशी मनोज रावत के पक्ष में जमकर प्रचार किया ।

गोदियाल ने कहा, ‘‘क्षेत्र के लोगों के लिए यह एक अवसर है कि वे एक ऐसा विधायक चुने जो मजबूती से उनके पक्ष में खड़ा रहे और उनकी समस्याओं का समाधान करे।’’

विकास का अभाव, चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के कातिलों को भाजपा का कथित संरक्षण, 31 जुलाई को केदारनाथ में आई आपदा के दौरान चारधाम यात्रा का कुप्रबंधन और दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने वालों को राज्य सरकार का समर्थन जैसे मुददों को कांग्रेस ने मतदाताओं के सामने उठाया।

कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए धामी ने कहा कि उन्होंने कभी दिल्ली में प्रस्तावित हुए केदारनाथ नाम के मंदिर का समर्थन नहीं किया और इतना ही नहीं, चारधाम के नाम से बनने वाले किसी मंदिर या ट्रस्ट को रोकने के लिए एक कानून बनाया।

एक चुनावी रैली में धामी ने कहा, ‘‘हर बार आपदा के समय मैं पीड़ितों के बीच मौके पर जाता हूं। 31 जुलाई को आयी आपदा के दौरान भी मैं तत्काल पीड़ितों के बीच पहुंचा। केदारनाथ के रास्ते में विभिन्न स्थानों पर फंसे 16 लाख लोगों से अधिक लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया।’’

नौटियाल और रावत, दोनों ही प्रत्याशी केदारनाथ विधानसभा का पूर्व में भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

वर्ष 2017 में केदारनाथ सीट से पहली बार विधायक बने 54 वर्षीय रावत 2022 के विधानसभा चुनावों में तीसरे स्थान पर रहे थे। नौटियाल दो बार (2002 और 2007) केदारनाथ सीट से विधायक रह चुकी हैं जबकि 2012 में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। नौटियाल फिलहाल भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 173 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से 130 पर सीसीटीवी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इससे मतदान केंद्र की निगरानी जिला एवं मुख्य निर्वाचन कार्यालय और निर्वाचन आयोग से होती रहेगी।

विधानसभा क्षेत्र में 90,540 मतदाता हैं जिसमें 45,775 महिला मतदाता शामिल हैं। उपचुनाव का नतीजा 23 तारीख को घोषित होगा।

दीप्ति

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