Bangladesh General Elections 2024: बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए कल डालें जाएंगे वोट, शेख हसीना का सत्ता में लौटना तय!
Shaikh Hasina (Photo Credit: Twitter)

Bangladesh General Elections 2024: बांग्लादेश में रविवार को मतदान होगा जिसमें मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अनुपस्थिति के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के लगातार चौथी बार जीत दर्ज करने की उम्मीद है. विपक्षी दल बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है और ‘‘अवैध सरकार’’ के खिलाफ 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. देश के निर्वाचन आयोग के अनुसार, 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर रविवार को होने वाले मतदान में कुल 11.96 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैन में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी रखेंगे. यह चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच कराया जा रहा है. निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसे आठ जनवरी की सुबह से नतीजे आने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया है. खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं.

हसीना (76) ने इस सप्ताह राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिए संबोधन में लोकतंत्र समर्थक और कानून का पालन करने वाले दलों से ऐसे विचार को हवा न देने का अनुरोध किया था जो देश की संवैधानिक प्रक्रिया में ‘‘बाधा’’ डालते हों. बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. जो 27 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं उनमें विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है. बाकी सत्तारूढ़ आवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्य हैं जिसे विशेषज्ञों ने ‘‘चुनावी गुट’’ का घटक सदस्य बताया है. बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए छह जनवरी को सुबह छह बजे से आठ जनवरी को सुबह छह बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है.

पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा. बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ‘‘इस अवैध सरकार के इस्तीफे, एक तटस्थ सरकार के गठन और सभी पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग करना है.’’ चुनावों के मद्देनजर हसीना सरकार ने हजारों विरोधी नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है. मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की निंदा कर इसे विपक्ष को पंगु करने का प्रयास बताया. यह भी पढ़ें : Sri Lanka Jallikattu Event: श्रीलंका का पहला जल्लीकट्टू खेल त्रिंकोमाली में शुरू, 200 सांडों के हिस्सा लेने की उम्मीद है, देखें वीडियो

प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि आवामी लीग सत्ता में आने पर देश के लोगों का आर्थिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करेगी. प्राधिकारियों ने मतदान के दौरान शांति व व्यवस्था बनाए रखने के लिए ‘‘नागरिक प्रशासन की मदद’’ के वास्ते दो दिन पहले देशभर में सैन्य टुकड़ियों को तैनात किया है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद अज्ञात लोगों ने 64 प्रशासनिक जिलों में चार में खाली पड़े मतदान केंद्रों में आगजनी की जबकि एक अन्य जिले में बीएनपी कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई जिसमें शुक्रवार को पांच लोग घायल हो गए. शुक्रवार रात ढाका के पास एक यात्री ट्रेन में आगजनी की घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी. बीएनपी ने इस घटना की संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जांच कराने की मांग की है.

हसीना 2009 से सत्ता में हैं और उन्होंने आखिरी चुनाव दिसंबर 2019 में जीता था जिसमें जानलेवा हिंसा हुई थी और चुनाव में धांधली के आरोप लगे थे. बीएनपी ने 2014 में भी चुनाव का बहिष्कार किया था लेकिन 2019 के चुनाव में हिस्सा लिया था जिसे पार्टी नेताओं ने एक गलती बताया था और चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था.

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद ईंधन और खाद्य सामग्री के आयात के दाम बढ़ने के कारण बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आई जिससे बांग्लादेश को पिछले साल 4.7 अरब डॉलर के राहत पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का रुख करना पड़ा था. कई लोगों को डर है कि हसीना के लगातार चौथी बार जीतने के कारण आर्थिक स्थिति और खराब होगी.