सेंसरशिप के कारण चीन में वायरस के फिर से फैलने का खतरा : एचआरडब्ल्यू
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस की ट्रैकिंग करने के लिये मोबाइल ऐप्लीकेशन का सहारा लिये जाने के कदम ने व्यक्ति की निजता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
इस बीच, संस्था के कार्यकारी निदेशक केनेथ रोथ ने जिनेवा में ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका, मेक्सिको और ब्राजील में नेताओं के बीच ‘इनकार करने की संस्कृति’ लोगों की जान ले रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस की ट्रैकिंग करने के लिये मोबाइल ऐप्लीकेशन का सहारा लिये जाने के कदम ने व्यक्ति की निजता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
गैर सरकारी संस्था के प्रमुख ने कहा कि जब महामारी का इस्तेमाल सेंसरशिप करने में होता है तब चीन इसका दुरूपयोग करने में सर्वाधिक कुख्यात होता है।
उन्होंने कहा कि बीजिंग ने वुहान के चिकित्सकों को सेंसर कर और उनका दमन कर वायरस को फैलने दिया, जिन्होंने दिसंबर में ही वहां संक्रमण का प्रसार रोकने की चेतावनी दी थी।
रोथ ने कहा, ‘‘यह इस बात का उदाहरण है कि किस तरह से सेंसरशिप विनाशकारी है।’’
उन्होंने कहा कि इस बात की काफी आशंका है कि सेंसरशिप वायरस को फिर से सिर उठाने की इजाजत देने जा रहा है।
रोथ ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सह कहते हुए अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को लगभग दांव पर लगा दिया कि चीन में मानव से मानव के बीच संक्रमण नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि चीन में स्थानीय प्राधिकार समुदाय में संक्रमण की एक नयी श्रृंखला पाते है तो क्या आप (शी) किसी को यह कहने जा रहे हैं? ’’
उन्होंने कहा कि बीजिंग से यह संदेश कि हम सही सूचना नहीं चाहते हैं बल्कि अच्छी खबर चाहते हैं, यह कोरोना वायरस के फिर से उभरने में सहायक है।
रोथ ने यूगांडा, केन्या और अल सल्वाडोर का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ सरकारें इस महामारी का इस्तेमाल नृशंसता के लिये अवसर के रूप में कर रही है जबकि हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबन जैसे अन्य नेताओं ने महामारी का इस्तेमाल सत्ता पर कब्जा करने के लिये किया है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति और मेक्सिको तथा ब्राजील के उनके समकक्षों की इनकार करने की नीति की महंगी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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