विदेश की खबरें | वानुअतु को बड़े भूकंप के बाद आने वाले झटकों के लिए रहना चाहिए तैयार, भूकंप वैज्ञानिक ने बताई वजह

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. क्लेटन, 18 दिसंबर (द कन्वरसेशन) वानुअतु में भूकंप आने के बाद से मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भूकंप और उसके बाद आए झटकों से प्रभावित लोगों की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय खोज और बचाव अभियान जारी हैं।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

क्लेटन, 18 दिसंबर (द कन्वरसेशन) वानुअतु में भूकंप आने के बाद से मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भूकंप और उसके बाद आए झटकों से प्रभावित लोगों की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय खोज और बचाव अभियान जारी हैं।

मंगलवार दोपहर को प्रशांत महासागर में स्थित वानुअतु में आए 7.2 तीव्रता के भूकंप के कारण पोर्ट विला में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और दर्जनों लोग घायल हो गए। भूकंप का केंद्र भूमि से मात्र 50 किलोमीटर की गहराई में था।

तब से, लगभग उसी स्थान पर अनेक झटके आ चुके हैं, जिसमें बुधवार सुबह आया 5.5 तीव्रता का झटका भी शामिल है, जिससे तबाही और क्षति में इजाफा हुआ है।

पिछले अनुभव के आधार पर, हम यह बता रहे हैं कि आगे क्या हो सकता है।

ये झटके कब तक जारी रह सकते हैं?

कल आए भूकंप की तीव्रता 7.2 थी, जिसे बड़ा भूकंप माना जा रहा है। एक ही क्षेत्र में 5 तीव्रता के कई झटके सिलसिलेवार झटकों (आफ्टरशॉक) के लक्षण होते हैं। ‘आफ्टरशॉक’ एक के बाद एक आने वाले छोटे भूकंपों को कहा जाता है, जो बड़े भूकंप के बाद आते हैं।

वास्तव में, 7 से अधिक तीव्रता वाले इस भूकंप के बाद हो सकता है कि 6 तीव्रता के भूकंप के झटके भी आएं। बड़े भूकंप के बाद 10 बार 5 तीव्रता के जबकि 10 बार 4 तीव्रता के भूकंप ‘आफ्टरशॉक’ आ सकते हैं।

ऐसा कई सप्ताहों से लेकर कई महीनों तक या इससे भी अधिक समय तक जारी रह सकता है, तथा भूकंप की तीव्रता और आवृत्ति आमतौर पर समय के साथ कम होती जाती है।

क्या इससे भी बड़ा भूकंप आ सकता है?

इस बात की बहुत कम आशंका है कि कल आए 7.2 से भी बड़ा भूकंप आ सकता है। इस मामले में, कल का भूकंप ‘फोरशॉक’ रहा होगा यानी बड़े भूकंप से पहले आया छोटा भूकंप।

हालांकि, यह बहुत आम नहीं है। केवल 5 प्रतिशत मामलों में ही ऐसा होता है।

क्या ‘रिंग ऑफ फायर’ यानी भूकंप की सबसे अधिक आशंका वाले क्षेत्रों का इससे कोई लेना-देना है?

वानुअतु ‘रिंग ऑफ फायर’ में स्थित है। इसका नाम ज्वालामुखी के किनारों पर होने वाली क्रिया ‘सबडक्शन’ से जुड़ा हुआ है। सबडक्शन तब होता है जब एक ‘टेक्टोनिक प्लेट’ दूसरी के नीचे चली जाती है।

‘सबडक्शन’ के कारण भूकंप की आशंका वाले क्षेत्रों में 8 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप आना संभव है। हालांकि, वानुअतु क्षेत्र के ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार इस तीव्रता से अधिक कोई भूकंप नहीं आया है।

यद्यपि कल के भूकंप के बाद भी झटके आते रहेंगे, लेकिन ये झटके मुख्य भूकंप केंद्र के आसपास ही आएंगे। बिल्कुल, भूकंप प्रभावित क्षेत्र में झटके आना हमेशा संभव है, लेकिन ये दूरवर्ती घटनाएं कल के भूकंप के परिणामस्वरूप नहीं होंगी।

वानुअतु में भूकंप कितनी बार आते हैं?

‘रिंग ऑफ फायर’ के कारण वानुअतु में भूकंप आना आम बात है। 1990 से लेकर अब तक कल के भूकंप स्थल के 200 किलोमीटर दायरे में 7 से ज़्यादा तीव्रता वाले 11 भूकंप आ चुके हैं।

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