विदेश की खबरें | अमेरिका ‘जासूसी गुब्बारे’ से आगे बढ़ना चाहता है : जेक सुलिवन
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

दोनों ने पक्षों ने माना कि फरवरी की घटना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ थी और अब संवाद का एक ‘मानक और सामान्य चैनल फिर से बहाल’ करने पर विचार कर रहे हैं। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

ऑस्ट्रिया की राजधानी में बुधवार और बृहस्पतिवार की उच्च स्तरीय वार्ता से पहले इस बैठक को वाशिंगटन या बीजिंग द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया था।

व्हाइट हाउस की ओर से इसे व्यापक दायरे वाली वार्ता करार दिया गया जिसमें दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ आठ घंटे से अधिक समय तक बातचीत की।

बाइडन प्रशासन के अधिकारी ने नाम नहीं सार्वजनिक करने की शर्त पर संवाददाताओं से कहा कि दोनों पक्षों ने माना कि फरवरी की घटना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ थी और अब संवाद का ‘मानक और सामान्य चैनल फिर से बहाल’ करने पर विचार कर रहे हैं।

इस तरह के कई संकेत मिले हैं कि विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव कम हो सकता है और इस शृंखला में यह वार्ता एक ताजा संकेत है।

चीन और अमेरिका के बीच राजनीतिक और सैन्य प्रतिस्पर्धा गहराने को लेकर कई अमेरिकी अधिकारी और विश्लेषक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि भरोसेमंद ‘संकट संवाद’ के अभाव से दोनों देशों के बीच छोटा-मोटा गतिरोध भी बड़ी शत्रुता में बदल सकता है।

उन्होंने पूर्व सोवियत संघ के साथ संवाद क्षमता का हवाला दिया जिसके कारण परमाणु हथियारों का एक-दूसरे पर प्रहार किये बिना शीत युद्ध का अंत हो गया।

पिछले साल कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो में शामिल होने के बाद वांग का कद बढ़ने पर उनकी सुलिवन के साथ यह पहली आमने-सामने की वार्ता थी। कम्युनिस्ट पार्टी का पोलित ब्यूरो शीर्ष नीति निर्माण निकाय है जिसके सदस्य 24 सबसे वरिष्ठ नेता होते हैं।

वांग करीब 10 सालों तक चीन के विदेश मंत्री रहे हैं और एक मात्र राजनयिक हैं जिन्हें पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाया गया है।

एपी

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