देश की खबरें | आरएफपी की शर्तों के कारण पी-75आई पनडुब्बी परियोजना में भाग ले पाने में असमर्थ: फ्रांसीसी नेवल ग्रुप

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की पी-75आई परियोजना में भाग लेने में वह असमर्थ है और इसकी वजह वायु स्वतंत्र प्रणोदन (एआईपी) प्रणाली से संबंधित प्रस्ताव के लिये अनुरोध (आरएफपी) में उल्लेखित शर्तें हैं।

नयी दिल्ली, तीन मई फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की पी-75आई परियोजना में भाग लेने में वह असमर्थ है और इसकी वजह वायु स्वतंत्र प्रणोदन (एआईपी) प्रणाली से संबंधित प्रस्ताव के लिये अनुरोध (आरएफपी) में उल्लेखित शर्तें हैं।

इस परियोजना के तहत भारतीय नौसेना के लिए छह परंपरागत पनडुब्बियों का निर्माण घरेलू स्तर पर किया जाना है।

नेवल ग्रुप ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पेरिस की यात्रा करेंगे और हाल में पुन: निर्वाचित फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात करेंगे।

एआईपी प्रणाली एक पारंपरिक पनडुब्बी को अधिक समय तक उच्च गति पर पानी में डूबे रहने की अनुमति देती है।

रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल जून में पी-75आई परियोजना को हरी झंडी दी थी और आरएफपी जारी कर दो भारतीय कंपनियों का चयन किया था, जिनमें निजी कंपनी लार्सन एंड टूब्रो और सरकारी क्षेत्र की माझगांव डॉक लिमिटेड हैं।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन दोनों भारतीय कंपनियों (जिन्हें रणनीतिक साझेदार कहा गया है) को पांच चयनित विदेशी कंपनियों में से एक के साथ साझेदारी करनी है। इनमें फ्रांस का नेवल समूह भी है।

रक्षा मंत्रालय दोनों रणनीतिक साझेदारों द्वारा भेजे गये जवाब का विस्तृत मूल्यांकन करने के बाद 43,000 करोड़ रुपये का अनुबंध सौंपेगा।

नेवल ग्रुप इंडिया के प्रबंध निदेशक लॉरेंट विदीयू ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘आरएफपी में कुछ शर्तों के कारण दोनों रणनीतिक साझेदार हमें और कुछ अन्य विदेशी मूल उपकरण निर्माता (एफओईएम) को अनुरोध प्रेषित नहीं कर सके और इसलिये हम परियोजना के लिए आधिकारिक रूप से बोली लगा पाने में सक्षम नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि नेवल ग्रुप पूरी तरह आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांत के अनुरूप भारतीय नौसेना की पी75आई परियोजना के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान प्रदान करने के लिए हमेशा तैयार रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मौजूदा आरएफपी में आवश्यक है कि फ्यूल सेल एआईपी समुद्र में प्रमाणित हो, जो कि हमारे लिहाज से उपयुक्त नहीं है, क्योंकि फ्रांसीसी नौसेना इस तरह की प्रणोदन (प्रोपल्सन) प्रणाली का इस्तेमाल नहीं करती।’’

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद नेवल ग्रुप भारत के साथ करीबी साझेदारी के लिए आशान्वित है।

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