शांतनु सेन के निलंबन को लेकर रास में तृणमूल सदस्यों का हंगामा, बैठक साढ़े बारह बजे तक स्थगित
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को उच्च सदन में उनके कल के आचरण के लिए निलंबित किए जाने के विरोध में, तृणमूल एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को पहली बार के स्थगन के बाद दूसरी बार दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई.
नयी दिल्ली, 23 जुलाई : तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सदस्य शांतनु सेन को उच्च सदन में उनके कल के आचरण के लिए निलंबित किए जाने के विरोध में, तृणमूल एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को पहली बार के स्थगन के बाद दूसरी बार दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई. जैसे ही दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने निलंबित सदस्य शांतनु सेन को यह कहते हुए सदन से बाहर जाने को कहा कि उनके निलंबन का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘कृपया आप सदन से बाहर चले जाएं.’’ इसी समय तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया. लिहाजा, उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई. इससे पहले, हंगामे के कारण सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया.
बैठक शुरू होने पर सभापति ने इस पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद अब तक केवल कोविड-19 महामारी के मुद्दे पर चार घंटे की चर्चा हो पाई है और इसके अलावा कोई अन्य कामकाज हंगामे की वजह से नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की विभीषिका के बीच यह सत्र आयोजित हुआ है और जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जानी है. सभापति ने बृहस्पतिवार को हुई घटना का जिक्र किया और इसे अशोभनीय बताया. सभापति ने कहा कि कल जो कुछ हुआ, निश्चित रूप से उससे सदन की गरिमा प्रभावित हुई. यह भी पढ़ें : Baal Aadhaar Card: 5 साल से छोटे बच्चों का ऐसे बनवाएं बाल आधार कार्ड, जानें- पूरा ऑनलाइन प्रोसेस
संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कल की घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा. इसके बाद नायडू ने सेन को सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने की घोषणा की. इस पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया. सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और कामकाज चलने देने की अपील की. लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक को 11 बज कर करीब 25 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.