देश की खबरें | शीर्ष अदालत का मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के संबंध में उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से इनकार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष के उस मौखिक अनुरोध पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया जिसमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से सटे शाही ईदगाह मस्जिद के परिसर का सर्वेक्षण कराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। न्यायालय ने हालांकि उनसे संबंधित फैसले को अपील के माध्यम से चुनौती देने को कहा।
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष के उस मौखिक अनुरोध पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया जिसमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से सटे शाही ईदगाह मस्जिद के परिसर का सर्वेक्षण कराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। न्यायालय ने हालांकि उनसे संबंधित फैसले को अपील के माध्यम से चुनौती देने को कहा।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शाही ईदगाह मस्जिद के परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए अदालत की निगरानी में अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करने की मांग करने वाली याचिका बृहस्पतिवार को स्वीकार कर ली थी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. एन भट्टी की पीठ ने मथुरा की अदालत में लंबित विवाद से संबंधित सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित करने संबंधी उच्च न्यायालय के 26 मई के आदेश को चुनौती देने वाली ‘कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह’ की याचिका पर सुनवाई नौ जनवरी तक के लिए टाल दी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा की अदालत में लंबित श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्जिद संबंधी विवादों से जुड़े सभी मामले उच्च न्यायालय स्थानांतरित किए जाने का 26 मई को निर्देश दिया था।
पीठ ने आदेश दिया, ‘‘विशेष अनुमति याचिका को नौ जनवरी को सूचीबद्ध करें। उक्त तिथि पर सभी विवादों और मुद्दों पर विचार किया जाएगा। यदि याचिकाकर्ताओं को कोई शिकायत है, तो वे कानून के अनुसार चुनौती देने के लिए स्वतंत्र होंगे।’’
पीठ ने मस्जिद समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी से कहा कि बृहस्पतिवार को पारित उच्च न्यायालय के आदेश को उसके समक्ष औपचारिक रूप से चुनौती नहीं दी गई है।
अहमदी ने कहा कि उच्च न्यायालय एक के बाद एक आवेदनों पर विचार कर रहा है, जबकि विवाद से संबंधित सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित करने के उसके अधिकार क्षेत्र का मुद्दा शीर्ष अदालत के समक्ष विचाराधीन है।
न्यायमूर्ति खन्ना ने बृहस्पतिवार को पारित उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘हम उस आदेश पर कैसे रोक लगा सकते हैं जो हमारे समक्ष नहीं है? आप आदेश को चुनौती दें, फिर हम देखेंगे।’’
अहमदी ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश बृहस्पतिवार देर शाम उसकी वेबसाइट पर अपलोड किया गया और इसलिए वे अपील दायर नहीं कर सके।
अहमदी ने जब बताया कि उच्चतम न्यायालय में सोमवार से शीतकालीन अवकाश शुरू हो जायेगा और उच्च न्यायालय इस मामले में आदेश पारित कर सकता है, तो न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘‘कृपया उच्च न्यायालय को बताएं कि यह मामला नौ जनवरी को उच्चतम न्यायालय में सूचीबद्ध है।’’
उच्चतम न्यायालय में 18 दिसंबर से एक जनवरी 2024 तक शीतकालीन अवकाश रहेगा।
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