विदेश की खबरें | नेपाल में कोरोना वायरस संक्रमित 85 फीसदी लोग ऐसे हैं जो भारत से लौटे है: ओली

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने बुधवार को दावा किया कि उनके देश में कोरोना वायरस से जितने लोग संक्रमित हुए हैं, उनमें 85 फीसदी ऐसे हैं जो भारत से लौटे हैं।

काठमांडू, 10 जून नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने बुधवार को दावा किया कि उनके देश में कोरोना वायरस से जितने लोग संक्रमित हुए हैं, उनमें 85 फीसदी ऐसे हैं जो भारत से लौटे हैं।

उनका दावा, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के बीच आया है। भारत ने सख्त लहजे में नेपाल से क्षेत्रीय दावे के ‘कृत्रिम विस्तार’ का रूख नहीं अख्तियार नहीं करने को कहा था। उससे पहले नेपाल ने लिपुलेख, कालापानी और लिमपियाधुरा पर दावा करते हुए नया मानचित्र जारी किया था।

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नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार को कोरोना वायरस के 279 नये मरीज आने से देश में इस महामारी के मामले बढ़कर 4364 हो गये। कम से कम 15 मरीजों की जान जा चुकी है। भारत की सीमा से सटे दक्षिण नेपाल के प्रांत नंबर दो में कोविड-19 के सर्वाधिक मामले हैं।

ओली सरकार कोविड-19 महामारी को लेकर विभिन्न वर्गों के निशाने पर है।

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आलोचकों के अनुसार, देश में दो महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। भारत-नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में हजारों लोग पृथक-वास में रखे गये हैं। लेकिन ये पृथक-वास केंद्र मूलभूत स्वच्छता सुविधाओं के अभाव में हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं।

ओली ने सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए संसद में कहा,‘‘ नेपाल में जो लोग कोविड-19 संक्रमित पाये गये हैं, उनमें 85 प्रतिशत ऐसे हैं जो भारत से लौटे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत से लोगों की आवाजाही शुरू होने के साथ ही नेपाल में कोरोना वायरस के मामले बस एक ही महीने में दोगुने हो गये।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अप्रैल-मई में केवल 7400 नेपाली ही भारत से आये थे लेकिन मई-जून में 222,000 लोग भारत से लौटे और अब हर दिन भारत से 7000-8000 लोग आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि खचाखच भरी ट्रेनों और बसों से कई लोग भारत से लौटे हैं तथा संभवते वे इस यात्रा के दौरान इस वायरस से संक्रमित हो गये।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को उत्तराखंड में धारचूला और लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाले, 80 किलोमीटर लंबे, रणनीतिक रूप से अहम मार्ग का उद्घाटन किये जाने पर भारत और नेपाल के बीच रिश्ते में तनाव आ गया।

नेपाल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह राजमार्ग उसके क्षेत्र से गुजरता है।

भारत ने यह कहते हुए उसके दावे को खारिज कर दिया कि यह रोड पूरी तरह भारत की सीमा के अंदर है।

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