नयी दिल्ली, एक जुलाई भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में दक्षिण पश्चिम मॉनसून जुलाई में सामान्य रहने की संभावना है।
जुलाई के पूर्वानुमान की जानकारी देते हुए विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि प्रथम सप्ताह में अच्छी बारिश होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन महीने के दूसरे हफ्ते के दूसरे हिस्से से इसके जोर पकड़ने की संभावना है।
विभाग ने कहा, ‘‘देश में जुलाई 2021 में मासिक बारिश कुल मिलाकर सामान्य (दीर्घ अवधि औसत का 94 से 106 प्रतिशत) रहने की संभावना है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘ पश्चिमोत्तर भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम या सामान्य बारिश की संभावना है जबकि मध्य भारत, उससे जुड़े प्रायद्वीपीय भारत और गंगा के मैदान में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान है।’’
मानसून हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पश्चिमी राजस्थान और पंजाब को छोड़ देश के बाकी हिस्सों में पहुंच गया है। उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है और जल्द इससे राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
महापात्र ने बताया कि मानसून के सात जुलाई से पहले गति पकड़ने की संभावना कम ही है। 19 जून से मानसून के सक्रिय होने में कोई प्रगति नहीं देखी गई है। जून में सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई थी। इसमें से भी अधिकतर बारिश तीन जून से 19 जून के बीच हुई थी।
महापात्र ने बताया कि मध्य अक्षांशीय हवाएं,मैडेन-जूलियन ऑसीलेशन (एमजेओ) की प्रतिकूल स्थिति, उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र नहीं बनना मानसून ब्रेक (मानसून के मौसम में बारिश के दो सत्र के बीच का अंतर) के कारण रहे।
जब मानसूनी बारिश के बीच अंतर के बारे में पूछा गया तो महापात्र ने कहा, ‘‘दक्षिण पश्चिम मानसून ब्रेक लेता है और यह सामान्य है लेकिन इतना लंबा अंतर सामान्य नहीं है।’’
महापात्र ने कहा कि नवीनतम वैश्विक पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि प्रशांत महासागर से गुजरने वाले विषुवत रेखा के आसपास तटस्थ अल नीनो दक्षिणी दोलन के बढ़ने का क्रम जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अधिक संभावना है कि जलाई से सितंबर तक निगेटिव इंडियन ओशन डाईपोल (आईओडी) की स्थिति बनी रहेगी। आईओडी हिंद महासागर के जल के गर्म और ठंडा होने से जुड़ा हुआ है। पॉजिटिव आईओडी होने का संबंध हिंद महासागर के पानी के ठंडा होने से है जबकि निगेटिव आईओडी का संबंध इस सागर के पानी के गर्म होने से है और माना जाता है कि यह मानूसन के लिए अच्छा होता है।
महापात्र ने कहा कि भारत की मानसून प्रणाली पर प्रशांत और हिंद महासागर के सतह के तापमान का असर होता है, इसलिए आईएमडी ध्यानपूर्वक इसमें होने वाले बदलावों पर नजर रख रहा है।
विभाग मौसम के दूसरे हिस्से (अगस्त-सितंबर) के लिए बारिश का पूर्वानुमान जुलाई के अंत में या अगस्त की शुरुआत में जारी करेगा।
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