देश की खबरें | विपक्षी दलों की बैठक सीटों के शीघ्र बंटवारे, भाजपा से मुकाबले की रणनीति तैयार करने पर होगी केंद्रित

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों की मंगलवार को होने वाली बैठक में प्रमुख राज्यों में सीट-बंटवारे पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है। इसके साथ ही, कुछ नेता हालिया विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मिली हार के बाद 31 दिसंबर से पहले समझौते और संयुक्त रणनीति को फिर से तैयार करने पर जोर दे रहे हैं।

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों की मंगलवार को होने वाली बैठक में प्रमुख राज्यों में सीट-बंटवारे पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है। इसके साथ ही, कुछ नेता हालिया विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मिली हार के बाद 31 दिसंबर से पहले समझौते और संयुक्त रणनीति को फिर से तैयार करने पर जोर दे रहे हैं।

आगामी लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा से लड़ने के लिए एक साथ आए विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं के सामने प्रमुख चुनौती सत्तारूढ़ दल के जवाब में एक वैकल्पिक साझा कार्यक्रम लाने की भी है।

सूत्रों ने कहा कि विपक्षी नेताओं के एक वर्ग का विचार है कि सीट-बंटवारा 31 दिसंबर से पहले किया जाना चाहिए ताकि संयुक्त अभियान रणनीति विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने और लोगों के सामने एक साझा कार्यक्रम पेश करने में मदद मिल सके।

‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सामने तात्कालिक चुनौती संयोजक, प्रवक्ता और सामान्य सचिवालय पर आम सहमति बनाने की भी है, क्योंकि घटक दलों के बीच मतभेदों के कारण यह एक पेचीदा मुद्दा है।

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की हालिया जीत ने भी विपक्षी दलों पर एकजुट होने का दबाव बढ़ा दिया है।

सूत्रों ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) जैसी कुछ पार्टियां कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सपा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को आठ सीटें देने को तैयार है, लेकिन कांग्रेस ज्यादा सीट चाहती है।

सपा नेता शिवपाल यादव ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में भरोसा जताया कि सीट बंटवारे या प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन एकजुट होकर देश से भाजपा को हटाएगा।’’

हालांकि, पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब और दिल्ली गठबंधन सहयोगियों के बीच गतिरोध का केंद्र बने हुए हैं, क्योंकि कोई भी झुकने को तैयार नहीं है। राज्य चुनावों के दौरान जाति जनगणना जैसे मुद्दे को मतदाताओं ने शायद तवज्जो नहीं दी, ऐसे में ‘इंडिया’ के नेता नयी रणनीति पर मंथन कर सकते हैं।

अगले साल के आम चुनावों से पहले सेमीफाइनल माने जाने वाले इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सहित विपक्षी दल जाति जनगणना के मुद्दे पर जोर देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे।

सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दलों की संयुक्त रैलियों की योजना को भी जल्द ही अंतिम रूप देना होगा क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले अक्टूबर में भोपाल में होने वाली रैलियों को रद्द करना पड़ा था।

हिंदी पट्टी में निराशाजनक प्रदर्शन के कारण कांग्रेस की स्थिति गठबंधन के भीतर कमजोर हो गई है। ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर समीकरण बदलने वाले हैं, क्योंकि अन्य विपक्षी दल गठबंधन की धुरी के रूप में इसकी स्थिति को चुनौती देंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि वे सकारात्मक एजेंडे के साथ भाजपा से मुकाबला करने के लिए आगे बढ़ेंगे और लोगों के मुद्दों को सामने लाएंगे।

वर्ष 2024 के आम चुनाव में केवल कुछ ही महीने बचे होने और विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के कारण विपक्षी गठबंधन के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन कर रही भाजपा का मुकाबला करने के लिए अपने चुनावी विमर्श को फिर से खोजने के लिए बहुत कम समय है।

यह ‘इंडिया’ की चौथी बैठक होगी। इसकी पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी। दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में और तीसरी बैठक 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच मुंबई में हुई थी, जहां 27 दलों ने एकजुट होकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का संकल्प लिया था।

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