विधि आयोग त्रि-स्तरीय चुनाव एक साथ कराने को लेकर विभिन्न फॉर्मूला की पड़ताल कर रहा है
देश में एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर विचार कर रहा विधि आयोग एक ही वर्ष में दो चरणों में त्रि-स्तरीय चुनाव कराने की संभावना पर विचार कर सकता है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
नयी दिल्ली, 6 जनवरी: देश में एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर विचार कर रहा विधि आयोग एक ही वर्ष में दो चरणों में त्रि-स्तरीय चुनाव कराने की संभावना पर विचार कर सकता है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव हो सकते हैं और दूसरे चरण में, स्थानीय निकाय चुनाव आयोजित किए जा सकते हैं. सूत्रों ने एक फॉर्मूला का हवाला देते हुए कहा कि विधि आयोग एक साथ चुनाव के मुद्दे पर विचार कर सकता है.
सूत्रों ने कहा, यह देश की विभिन्न जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण है. अगस्त 2018 में, पिछले विधि आयोग ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के नरेंद्र मोदी सरकार के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा था कि यह देश को लगातार चुनावी मोड में रखने से रोकेगा. हालांकि, उसने अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले इस मुद्दे पर व्यापक सार्वजनिक बातचीत की मांग की थी.
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाला मौजूदा विधि आयोग विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने पर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रहा है, लेकिन 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में उच्च-स्तरीय समिति को यह पड़ताल करने का काम सौंपा गया है कि लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत, नगर पालिका, जिला परिषद) एक साथ कैसे आयोजित कराये जा सकते हैं. विधि आयोग ने कोविंद के नेतृत्व वाली समिति के ‘संदर्भ की शर्तों’ को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों के साथ स्थानीय निकाय चुनाव को भी शामिल करने के लिए अपने अध्ययन का दायरा बढ़ाया है.
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