देश की खबरें | मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदान को लेकर शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं की उदासीनता पर निराशा जताई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने शुक्रवार को इस बात पर अफसोस जताया कि शहरों में मतदाता चुनाव के दिनों में मतदान केंद्रों पर आने से बचते हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोग बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बाहर आते हैं।
नयी दिल्ली, छह दिसंबर मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने शुक्रवार को इस बात पर अफसोस जताया कि शहरों में मतदाता चुनाव के दिनों में मतदान केंद्रों पर आने से बचते हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोग बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बाहर आते हैं।
उन्होंने देश में सुचारू रूप से चुनाव संपन्न कराने का श्रेय करीब 1.5 करोड़ मतदान कर्मियों को दिया। मतदान केंद्र अधिकारियों को शुक्रवार को ‘एनडीटीवी’ के ‘इंडियन ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत काफी अधिक रहा, लेकिन ‘‘शहरों में लोग मतदान नहीं करते।’’ उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के प्रयासों के बावजूद कर्नाटक के बेंगलुरु और हरियाणा के गुरुग्राम में मतदाता मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में नहीं आए।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुंबई में कोलाबा में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में सबसे कम मतदान हुआ।
निर्वाचन आयोग शहरी केंद्रों में कम मतदान के मुद्दे को उठाता रहा है। अतीत में, यह देखा गया है कि शहरी मतदाता मतदान दिवस की छुट्टी के साथ सप्ताहांत पर कहीं बाहर घूमने निकल जाते हैं।
कुमार ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे यकीन है कि आने वाले समय में शहरी उदासीनता और युवाओं की उदासीनता का भी ध्यान रखा जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय मतदाता बहुत परिपक्व है और देश में मुद्दों का समाधान ‘‘बुलेट’’ से नहीं, बल्कि ‘‘बैलेट’’ से होता रहेगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)