देश की खबरें | ठाणे की अदालत ने चेन झपटने के मामले में मकोका के तहत गिरफ्तार चार लोगों को किया बरी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. ठाणे की एक अदालत ने चेन झपटने के एक मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत गिरफ्तार किए गए ‘ईरानी’ गिरोह के चार सदस्यों को बरी कर दिया।

देश की खबरें | ठाणे की अदालत ने चेन झपटने के मामले में मकोका के तहत गिरफ्तार चार लोगों को किया बरी

ठाणे, नौ अक्टूबर ठाणे की एक अदालत ने चेन झपटने के एक मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत गिरफ्तार किए गए ‘ईरानी’ गिरोह के चार सदस्यों को बरी कर दिया।

अदालत ने चारों को बरी करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस की ओर से ढिलाई बरती गई जिसके कारण आरोपियों को संदेह का लाभ मिला।

विशेष न्यायाधीश (मकोका) अमित एम. शेटे ने एक अक्टूबर को दिए आदेश में पुलिस अधिकारियों को दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया।

आदेश की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई थी। आठ जुलाई, 2019 को इस मामले में शिकायत दायर की गई थी जिसके बाद लंबी सुनवाई चली।

मकोका के तहत आरोपों से बरी किए गए लोगों में कासिम अफसर ईरानी (35), जफर उर्फ ​​भूरेलाल गुलाम हुसैन ईरानी (28), सरफराज फिरोज ईरानी (34) और अली अब्बास उर्फ ​​जेनाली फिरोज ईरानी (31) शामिल हैं। सभी महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कल्याण क्षेत्र के ईरानी इलाके स्थित अम्बिवली के रहने वाले हैं।

आरोपियों ने कल्याण के वायले नगर में आठ जुलाई, 2019 को पुष्पावती कनाडे के सोने के आभूषण चुराए थे जिसके बाद उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और मकोका की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।

कनाडे पर दो मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों ने हमला कर उनका मंगलसूत्र और सोने के अन्य आभूषण झपट लिए थे।

फैसले में बताया गया कि अभियोजन पक्ष कई समन के बावजूद जांच अधिकारी सहित महत्वपूर्ण गवाहों को पेश करने में विफल रहा।

न्यायाधीश ने कहा कि शिनाख्त परेड के दौरान अभियुक्त की प्रत्यक्ष पहचान न हो पाने से अभियोजन पक्ष का मामला और जटिल हो गया।

शिनाख्त परेड का उपयोग गवाह की ईमानदारी और अज्ञात लोगों को पहचानने की क्षमता का आकलन करने के लिए किया जाता है।

अदालत ने कहा कि अपराध में आरोपी की संलिप्तता अत्यधिक संदिग्ध बनी हुई है।

अदालत ने कहा, ‘‘जांच अधिकारी ने गवाह के समन की तामील के बावजूद उपस्थित नहीं होने का विकल्प चुना। अधिकारी ने मकोका अधिनियम के तहत पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने के बाद वर्तमान अपराध की जांच की थी।’’

उसने कहा कि जांच अधिकारी की तरह बाकी गवाह भी अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘पुलिस तंत्र गवाहों को समय पर समन भेजने का निर्देश देने में विफल रहा। पुलिस की ओर से पूरी तरह ढिलाई बरती गई, जिसके कारण आरोपियों को संदेह का लाभ मिला।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)


संबंधित खबरें

New Zealand vs Pakistan, 2nd ODI Match Live Streaming In India: न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच आज खेला जाएगा दूसरा वनडे मुकाबला, यहां जानें भारत में कब, कहां और कैसे उठाए लाइव मुकाबले का लुफ्त

NZ vs PAK 2nd ODI 2025 Live Scorecard: न्यूजीलैंड राष्ट्रीय क्रिकेट टीम बनाम पाकिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम दूसरे वनडे मैच का लाइव स्कोरकार्ड

NZ vs PAK 2nd ODI 2025 Preview: दूसरे वनडे में पाकिस्तान की होगी वापसी या न्यूज़ीलैंड बनाएगी अजेय बढ़त? मैच से पहले जानें हेड टू हेड रिकॉर्ड्स, मिनी बैटल और स्ट्रीमिंग समेत सारे डिटेल्स

M.Chinnaswamy Stadium Pitch Stats & Records: बेंगलुरु में RCB बनाम GT IPL 2025 मैच से पहले जानें एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच रिकॉर्ड्स, मोस्ट रन, विकेट समेत खास आंकड़े

\