देश की खबरें | शिक्षक भर्ती: बिहार पुलिस ने परीक्षा पास कराने का झांसा देने वाले जालसाजों से लोगों को आगाह किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को हाल ही में आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) में अंक बढ़वाने और परीक्षा पास कराने का प्रलोभन देने वाले साइबर जालसाजों के फर्जी फोन कॉल के प्रति लोगों को आगाह किया है।
पटना, एक अगस्त बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को हाल ही में आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) में अंक बढ़वाने और परीक्षा पास कराने का प्रलोभन देने वाले साइबर जालसाजों के फर्जी फोन कॉल के प्रति लोगों को आगाह किया है।
ईओयू द्वारा बृहस्पतिवार को टीआरई-3 के संबंध में यहां जारी एक बयान के अनुसार, ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं कि इस परीक्षा में पास कराने अथवा अंक बढ़वाने का झांसा देकर साइबर अपराधी ठगी करने का प्रयास कर रहे हैं।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा टीआरई-3 का आयोजन किया गया था जो 19 जुलाई से शुरू हुआ और 22 जुलाई तक जारी रहा था।
राज्य के 27 जिलों में कुल 400 परीक्षा केंद्र थे और लगभग छह लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।
इससे पहले प्रश्न पत्र लीक होने के बाद बीपीएससी ने इस साल 15 मार्च को आयोजित टीआरई-3 को रद्द कर दिया था।
बयान के अनुसार, ईओयू द्वारा आसूचना संकलन के क्रम में ऐसी बातें प्रकाश में आ रही हैं कि साइबर अपराधी द्वारा अभ्यर्थी अथवा उनके अभिभावक को फर्जी फोन कॉल करके अथवा विभिन्न सोशल मीडिया मंच/ई-मेल के जरिए उन्हें टीआरई-3 में पास कराने अथवा अंक बढ़वाने के नाम पर रुपये की मांग कर ठगी करने का प्रयास किया जा रहा है।
ईओयू ने इसको लेकर परामर्श जारी करते हुए ऐसे फर्जी कॉल से सावधान रहने तथा सावधानी बरतने की आवश्यकता जतायी है ताकि साइबर ठगी से बचा जा सके।
बयान में कहा गया है कि अगर लोगों को किसी व्यक्ति/एजेंसी से कोई संदिग्ध प्रस्ताव या अनुरोध प्राप्त होता है तो मामले को तुरंत ईमेल के जरिए ईओयू के ध्यान में लाया जाना चाहिए। लोग ऐसी कॉल के बारे में ईओयू को मोबाइल नंबर 8544428404 पर भी सूचित कर सकते हैं।
बयान में कहा गया है कि किसी भी अभ्यर्थी/अभिभावक के ऐसे जालसाज व्यक्तियों/संस्थाओं/एजेंसियों के साथ मिलीभगत में लिप्त पाए जाने पर वे भी इसी तरह की कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए उत्तरदायी होंगे।
इससे पहले ईओयू ने 15 मार्च को आयोजित टीआरई-3 के प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच की थी और मामले की जांच के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था।
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