देश की खबरें | ऐसा कानून लाया जाना चाहिए जहां मुसलमानों को वोट देने का अधिकार न हो : महंत ने वक्फ मुद्दे पर कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. किसानों और उनकी जमीन की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होने का आग्रह करते हुए विश्व वोक्कालिगा महासमस्तन मठ के महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामीजी ने मंगलवार को वक्फ संपत्ति विवाद के मद्देनजर कहा कि ऐसा कानून लाया जाना चाहिए जिसमें मुस्लिम समुदाय के पास वोट देने का अधिकार न हो।
बेंगलुरु, 26 नवंबर किसानों और उनकी जमीन की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होने का आग्रह करते हुए विश्व वोक्कालिगा महासमस्तन मठ के महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामीजी ने मंगलवार को वक्फ संपत्ति विवाद के मद्देनजर कहा कि ऐसा कानून लाया जाना चाहिए जिसमें मुस्लिम समुदाय के पास वोट देने का अधिकार न हो।
स्वामीजी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई वक्फ बोर्ड न हो। उन्होंने कहा कि किसी और की जमीन छीनना ‘धर्म’ नहीं है।
स्वामीजी ने कहा, ‘‘किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ सभी को लड़ना चाहिए...ऐसा कहा जाता है कि वक्फ बोर्ड किसी की भी जमीन पर दावा कर सकता है। यह बहुत बड़ा अन्याय है...किसी और की जमीन छीनना धर्म नहीं है...इसलिए सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ना चाहिए कि किसानों की जमीन उनके पास ही रहे।’’
बेंगलुरु में भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित विरोध सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘किसान अन्नदाता हैं इसलिए उन्हें बचाया जाना चाहिए और उन्हें बढ़ावा दिया जाना चाहिए, तथा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी उनकी जमीन व संपत्ति न छीने।’’
स्वामीजी ने दावा किया, ‘‘हर किसी को सुनिश्चित करना चाहिए कि वक्फ बोर्ड न हो... क्योंकि नेता वोटों के लिए चीजें करते हैं। एक ऐसा कानून लाया जाना चाहिए जिसमें मुस्लिम समुदाय के पास वोट देने का अधिकार न हो... ऐसा निश्चित रूप से किया जाना चाहिए। पाकिस्तान में, उन्होंने ऐसा किया है, वहां दूसरों के पास वोट करने का अधिकार नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, भारत में भी, अगर हम यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें (मुसलमानों को) वोट देने का अधिकार नहीं है, तो वे अपने आप में (सीमित) रहेंगे और हर कोई शांति से रह सकता है।’’
कर्नाटक के कुछ हिस्सों में किसानों और अन्य लोगों के एक वर्ग ने यह आरोप लगाया है कि उनकी जमीनों को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसका विभिन्न किसान समूहों, संगठनों और विपक्षी भाजपा द्वारा विरोध किया गया है।
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